देहरादून, सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुरूप पदोन्नति में आरक्षण समाप्त कर शीघ्र पदोन्नति करने की मांग को लेकर बृहस्पतिवार को जनरल, ओबीसी कर्मचारियों का हुजूम सड़क पर उतर पड़ा। उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज यूनियन के बैनर तले हजारों की संख्या में कर्मचारी परेड ग्राउंड में एकत्रित हुए। वहां से नारेबाजी के बीच एस्लेहॉल चौक , दिलाराम चौक होते हुए मुख्यमंत्री आवास के लिए कूच किया गया। हाथीबड़कला पुलिस चौकी के सामने पहले से मौजूद पुलिस फोर्स ने कर्मचारियों को बैरिकेट्स लगाकर रोक लिया।
रोके जाने से आक्रोशित कर्मचारियों की पुलिसकर्मियों के साथ जमकर धक्का-मुक्की और नोकझोंक हुई। इसके बाद कर्मचारी वहीं बैठ गए और सभा की। इस दौरान कर्मचारियों ने रामविलास पासवान का पुतला भी फूंका। सभा में कर्मचारियों ने ऐलान किया कि पदोन्नति में आरक्षण हटाने का शासनादेश आने तक यहीं डटे रहेंगे। हालांकि वार्ता के बाद ऐलान वापस ले लिया। पर्वतीय कर्मचारी संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष प्रताप सिंह पंवार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद भी प्रदेश सरकार लागू करने में हिचक रही है। पंवार ने कहा कि प्रदेश का कोई भी नेता यहां राज करने के योग्य नहीं है। इसलिए इस राज्य को केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया जाना चाहिए। सचिवालय संघ के व्यूमेश दुबे ने कहा कि अनुसूचित जाति के छात्र भी नहीं चाहते हैं कि पदोन्नति में आरक्षण मिले, लेकिन कुछ चंद परिवार अपने हित के लिए इसका अनवरत लाभ रहे हैं। कर्मचारी नेता अनंत राम शर्मा ने कहा कि जिस दिन अनारक्षित वर्ग एक हो जाएगा, उस दिन उनकी मांगें भी पूरी हो जाएंगी। उक्रांद के प्रांतीय उपाध्यक्ष अशीष नौटियाल ने कर्मचारियों के साथ देने का आश्वासन दिया। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष अरुण कुमार पांडे ने कहा कि कर्मचारियों के जोश आगे सरकार को झुकना पड़ेगा। अखिल भारतीय समानता मंच के राष्ट्रीय महासचिव वीपी नौटियाल ने कहा कि ऐसे दलों और नेताओं को भी सबक सिखाना लक्ष्य है, जो इसकी खिलाफत कर रहे हैं। सभा को आंदोलनकारी मंच के रामलाल खंडूरी, धीरेंद्र पाठक, पेंशनर्स संघ के अध्यक्ष पीडी गुप्ता, एडवोकेट संगीता सिंह, प्रदीप पपनै, रीता कौल, सुनील कोठारी, मुकेश बहुुगुणा, विक्रम सिंह, नत्थी सिंह, चंद्र सिंह, डीएस असवाल, गिरीश चंद्र, संजय सिंह आदि वक्ताओं ने संबोधित किया।
अज़ब – ग़जब
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