देहरादून, ज़िला अस्पताल (कोरोनेशन औऱ गाँधी शताब्दी) में एक दुर्लभ ट्यूमर का सफलतापूर्वक ऑपरेशन कर डॉक्टरों की टीम ने मरीज़ को नया जीवन दिया। कोरोनेशन अस्पताल के सर्जन डॉ आर के टम्टा की अगुवाई में डॉ संजीव कटारिया एनेथेस्टिक, के साथ सिस्टर गीता, पूजा, रोज़ी मौजूद रही। ज़िला अस्पताल ने नवनिर्वाचित चिकित्सा अधीक्षक डॉ बी.सी.रमोला ने पूरी टीम को बधाई और शुभकामनाएं दी।
3 माह से परेशान थी पौड़ी की युवके लिए आई थी। युवती ने बताया कि पिछले 3 माह से वह इस समस्या से पीड़ित है। युवती की प्रारंभिक जांच के बाद उसका अल्ट्रासाउंड कराया गया। जिसके बाद ज्ञात हुआ कि युवती के पेट मे रसौली है। इसके बाद औऱ अधिक सटीक जाँच के लिए युवती का CT स्कैन कराया गया। CT स्कैन की जाँच में पता चला कि युवती को एक दुर्लभ प्रकार का Mature cystic teratoma ट्यूमर है।
जटिल ऑपरेशन में निकला साढ़े 3 किलों का ट्यूमर
सर्जन डॉ आर के टम्टा ने बताया कि मरीज़ की सी टी स्कैन जाँच होने के बाद पता चला कि ट्यूमर काफी बड़ा हो चुका था। मरीज की अन्य जांचें कराने के पश्चात ऑपरेशन का निर्णय लिया गया। महिला मरीज़ का कोरोनेशन अस्पताल में सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया गया। इस ऑपरेशन में लगभग साढ़े 3 किलो से अधिक का ट्यूमर मरीज़ के पेट से निकाला गया। जिसके बाद से मरीज़ बिल्कुल स्वस्थ है। जल्द मरीज़ को अस्पताल से छूटी दे दी जाएगी।
शरीर के किसी भी हिस्से में असामान्य आकार वृद्धि को नजरअंदाज न करें- डॉ टम्टा
डॉo टम्टा ने बताया कि यह ट्यूमर मरीज़ के बाएं अंडाशय से उत्पन्न हो रहा था। ट्यूमर मरीज़ के आस-पास के अंगों व आंतो से चिपका हुआ था। इसके साथ ही ट्यूमर वह किडनी के ऊपर दबाव डाल रहा था । ट्यूमर की हिस्टोपैथोलॉजी जांच की गई व उसके अंदर बालों के गुच्छे मांसपेशियां, हड्डी, कार्टिलेज, फेफड़े, के हिस्से पाए। गए इस प्रकार के ट्यूमर उम्र के दूसरे तीसरे दशक में सामान्यतः होते हैं। यह महिलाओं में अंडाशय व पुरुषों में वर्षण (Testes) से उत्पन्न होते हैं।
सर्जन डॉ आर के टम्टा ने बताया कि अतः सभी को चाहिए कि शरीर के किसी भी हिस्से में असामान्य आकार वृद्धि को नजरअंदाज ना करें अपने चिकित्सक से तुरंत संपर्क करें।