देहरादून, मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को मसूरी पहुंच कर रविवार को आयोजित हो रहे हिमालयी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। मसूरी में होटल सवोय में आयोजित हो रहे इस महत्वपूर्ण सम्मेलन हेतु की गई व्यवस्थाओं का व्यापक स्थलीय निरीक्षण कर उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने आयोजन की व्यवस्थाओं के प्रति सन्तोष व्यक्त करते हुए इस आयोजन को उत्तराखण्ड के साथ ही हिमालयी राज्यों के व्यापक हित में बताया है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि हिमालयन कान्क्लेव में हिमालयी राज्यों से जुडे विभिन्न मुद्दों पर व्यापक चर्चा होगी। पर्यावरण संरक्षण, आपदा प्रबंधन जैसे विषयों पर भी विचार-विमर्श किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी राज्यों के कॉमन एजेण्डा पर भी सम्मेलन में चर्चा होगी। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि भारत की अधिकांश नदियों का स्रोत हिमालय है। इसलिए प्रधानमंत्री के जल संचय अभियान में हिमालयी राज्यों की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका है। 11 हिमालयी राज्य किस प्रकार जल संरक्षण में केंद्र का सहयोग कर सकते हैं, इस पर भी मंथन किया जाएगा। इस सम्मेलन में मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड त्रिवेन्द्र सिंह रावत के साथ ही केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, हिमांचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर, मेघालय के मुख्यमंत्री के.सी. संगमा, नागालैण्ड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो, अरूणाचल प्रदेश के उप मुख्यमंत्री चैना मेन, मिजोरम के मंत्री टी.जे. लालनुंत्लुआंगाए, त्रिपुरा के मंत्री श्री मनोज कांति देव, मुख्यमंत्री सिक्कीम के सलाहकार डा. महेन्द्र पी. लामा, जम्मू कश्मीर के राज्यपाल के सलाहकार के.के. शर्मा उपस्थित रहेंगे। इस सम्मेलन में नीति आयोग के उपाध्यक्ष डा. राजीव कुमार, सचिव जल एवं स्वच्छता भारत सरकार परमेश्वरन अय्यर सदस्य एनडीएमए कमल किशोर, भारतीय वन प्रबन्धन संस्थान के प्रोफेसर डा. मधू वर्मा भी प्रतिभाग करेंगे। प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज धन्यवाद ज्ञापित करेंगे।