देहरादून , 30 दिसम्बर, आज शहीद स्मारक देहरादून में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी सयुंक्त मंच के तत्वावधान में राज्य आंदोलनकारियों को राजकीय सेवाओं में 10% क्षैतिज आरक्षण बहाल करने व चिन्हीकरण की प्रक्रिया पूर्ण करने की माँग को लेकर आंदोलन आज पांचवें दिन भी जारी रहा।
आज आंदोलन को समर्थन देने पहुंचे कई हेतु वरिष्ठ आंदोलनकारियों ने सुनीता ठाकुर को 01जनवरी को अपनी जीवन लीला समाप्त करने की घोषणा वापस लेने का आग्रह किया जिसे उन्होंने सख्ती से मना कर दिया। ठाकुर ने कहा कि पिछले 10–12 सालों से वह किस तरह के मानसिक उत्पीड़न से गुजर रहीं हैं यह सिर्फ वहीं जानती हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री धामी पर इल्जाम लगाते हुए कहा कि ऐसा नहीं है कि वह वह उन्हें नहीं जानते। वह मेरी शादी में और उनकी शादी में स्वयं मौजूद थी। उसके बावजूद भी अगर वह मेरी बात उन तक नहीं पहुंच रही है तो मेरे पास और कोई रास्ता नहीं बचा। यदि सरकार के अंदर थोड़ी भी शर्म लिहाज़ बची है तो वह तत्काल सदन का विशेष सत्र आहूत कर राज्य आंदोलनकारियों का क्षैतिज आरक्षण बहाल करना चाहिए।
सँयुक्त मंच के संयोजक क्रांति कुकरेती ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि उत्तराखंड की एक बेटी ने सरकारी झूठ से त्रस्त होकर 1 जनवरी को अपना जीवन समाप्त करने की चेतावनी दी है, इसलिए प्रदेश भर के आंदोलनकारियों से आग्रह है कि 31 दिसम्बर (रविवाऱ) को अपने जिला अथवा तहसील मुख्यालय में इकत्रित हो कर शंखनाद् ,घण्टे घड़ियाल बजाकर इस अन्धी-बहरी सरकार को जगाने के लिए एकजुट हो जाये।
आज के धरने में बैठने वालों में राम किशन,सुनीता ठाकुर,अंबुज शर्मा , विनोद असवाल, सूर्यकांत शर्मा, मुन्नी खंडूरी, प्रभात डंडरियाल,रेखा शर्मा, संजय डोभाल,रामचन्द्र नौटियाल, कल्पेश्वरी, पुष्पा बहुगुणा आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।