दून पुस्तकालय में आयोजित हुआ सम्मान समारोह : साहित्यकार डॉ. नन्दकिशोर ढौंडियाल ‘अरूण’ को मिला ‘चिट्ठी सम्मान’

देहरादून, 8 अक्टूबर: गढवाली साहित्य, समाज व संस्कृति के लिए समर्पित संस्था ‘चिट्ठी’ के द्वारा दून पुस्तकालय एवं शोथ संस्थान के सभागार में उतराखण्ड के प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ नन्दकिशोर ढौंडियाल ‘अरूण’ को चिट्ठी सम्मान से सम्मानित किया गया। इसके साथ ही चिट्ठी-पत्री 2023 के अंक का लोकार्पण व गढ़वाली कवि सम्मेलन का आयोजन भी किया गया।
लगभग 3 घंटे चले इस कार्यक्रम में सर्वप्रथम गढरत्न नरेन्द्र सिंह नेगी व अन्य अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर आयोजन की शुरुआत की। फिर चिट्ठी-पत्री के प्रधान सम्पादक मदन डुकलाण के द्वारा सभी अतिथियों का स्वागत किया गया।इसके बाद हिन्दी व गढवाली में निरन्तर अध्यापन व सृजन कर रहे डा नन्दकिशोर ढौंडियाल ‘अरूण’ को चिट्ठी सम्मान 2023 से सम्मानित किया गया। इस मौके पर डा. ढौंडियाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि गढ़वाली भाषा एक समृद्ध भाषा है जिसमें किसी भी धातु पर प्रत्यय लगै कि नयो शब्द बणि सकद। डा. ढौंडियाल के सम्मान के बाद चिट्ठी-पत्री 2023 के वार्षिक अंक का लोकार्पण किया गया। इस अंक का परिचय देते हुये चिट्ठी-पत्री के उप सम्पादक आशीष सुन्दरियाल ने कहा कि इस अंक में वर्तमान मे जितने भी विधाओं लेख, कथा, कविता, गीत, गजल, व्यंग्य व यात्रा संस्मरण आदि मे गढ़वाली में लिखा जा रहा है सभी को समाहित करने का प्रयास किया गया है।
लोकार्पण के बाद कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें गढ़वाली के लब्ध-प्रतिष्ठित कवियों ने अपने कविताओं का पाठ किया। इसमें दिल्ली से आये कवि दिनेश ध्यानी, रमेश घिल्डियाल के साथ पौड़ी से हास्य कवि हरीश जुयाल ‘कुटुज’ एवं गणेश खुगशाल ‘गणी’ व देहरादून से बीना बेंजवाल, भगवती सुन्दरियाल व ओम बधाणी ने अपनी-अपनी रचनाओं का पाठ किया।
कार्यक्रम में अनेक समाज सेवी, बुद्धिजीवी, साहित्यकार व पत्रकार उपस्थित रहे। जिसमें उपजिलाधिकारी शैलेन्द्र नेगी, नीरज पंत, कवीन्द्र इष्टवाल, विजय मधुर, गिरीश सुन्दरियाल, जयपाल सिंह रावत, रमाकांत बेंजवाल, रमेश बडोला, अखिलेश अंथवाल, कीर्ति नवानी व ललित मोहन लखेडा़, चन्द्र शेखर तिवाड़ी अंबुज शर्मा, देवेन्द्र जोशी, सुवर्ण रावत, सुरक्षा रावत, जनार्दन बुड़ाकोटि, कान्ता घिल्डियाल, रमेन्द्र कोटनाला, कुलानंद घनशाला, जगमोहन सिंह रावत, जयपाल सिंह रावत ‘छिपुड़ दादा’ आदि प्रमुख थे।
कार्यक्रम का संचालन धर्मेन्द्र नेगी ने व कवि सम्मेलन का संचालन गणेश खुगशाल ‘गणी’ ने किया।