सीएयू में धांधलियों को लेकर हाईकोर्ट के तेवर तल्ख खेल सचिव से मांगा जवाब, 17 अगस्त को होगी सुनवाई

देहरादून, 4 अगस्त : कथित गड़बड़ियों के आरोपों से घिरे क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड (सीएयू) को लेकर हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब तलब किया है।
   हाईकोर्ट ने कहा कि सीएयू में नेताओं और बिजनेसमैन का दखल है। हाइकोर्ट ने राज्य के खेल सचिव ने सीएयू की अनिमितिताओं को लेकर जवाब तलब किया है। मामले की सुनवाई 17 अगस्त होगी। हाईकोर्ट में यह जनहित याचिका आरटीआई एक्टिविस्ट एडवोकेट विकेश नेगी ने दाखिल की है।

  हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस विपिन सांघवी और जस्टिस राकेश थपलियाल ने सीएयू को लेकर दायर जनहित याचिका को स्वीकार कर लिया है। डबल बेंच ने इस संबंध में राज्य के खेल सचिव से जवाब मांगा है। मामले की पैरवी करने वाले एडवोकेट ललित सौड का कहना है कि अदालत ने माना कि सीएयू में सब कुछ ठीक नहीं है। अनियमितताएं हैं और इसमे कई राजनीतिज्ञों और नौकरशाहों का दखल है। उन्होंने कहा कि याचिका में कहा गया है कि सीएयू को बीसीसीआई से मान्यता मिलने के बाद से ही यहां बहुत सी वित्तीय और अन्य अनियमिताएं हुई हैं। भुगतान के साथ ही खिलाड़ियों के चयन में भी गोलमोल है। सीएयू के पदाधिकारियों पर पैसे लेकर टीम में स्थान देने के आरोप और केस हैं।

  एडवोकेट नलिन के अनुसार जनहित याचिका में प्रार्थना की गयी है कि देश के किन्हीं तीन पूर्व जजों की
समिति से इस पूरे मामले की जांच करवाई जाए। कांफिलिक्ट आफ इंटरेस्ट वाले पदाधिकारियों को हटाया जाए और उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जाए। यह भी प्रार्थना की गयी है कि सोसायटी रजिस्ट्रार की इस पूरे मामले में संदिग्ध भूमिका रही है। ऐसे में रजिस्ट्रार के ऊपर प्रशासक बिठाया जाए।

  इसी तरह सीएयू की अभिन्न अंग “देवभूमि गोल्ड कप” जिसके कर्ता-धर्ता भी सीएयू सचिव के पिताश्री हैं  को उप निबंधक सोसाइटी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इसका आज तक न तो आडिट हुआ है और न ही बायलॉज का पालन हो रहा है। यह शिकायत संस्था के देवभूमि गोल्ड कप एसोसिएशन के अध्यक्ष मदन कोहली ने विगत सप्ताह एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के बताई। उन्होंने तो संस्था की बैठक में अपने फर्जी हस्ताक्षर कर ने का इल्जाम भी लगाया। जिस पर शो कॉज नोटिस जारी किया गया है।

  आरटीआई एक्टिविस्ट एडवोकेट विकेश का कहना है कि जब पिछले चार साल में पूरे प्रदेश में एक भी पिच नहीं बनी और न ही स्टेडियम तो सीयूए ने बीसीसीआई से मिले लगभग 50 करोड़ रुपये कहां खर्च किये ? सीएयू के पदाधिकारी भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे है उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट से प्रदेश के खिलाड़ियों को इंसाफ मिलेगा।

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