देहरादून, 17 मई : खानपुर सीट से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने आज विधानसभा सत्र के दौरान क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड में चली आ रही अनियमितताओं को लेकर सवाल उठाना चाहा लेकिन सदन ने उनका सवाल नहीं लिया गया। जिसके बाद वो सदन का बहिष्कार कर बाहर चले गए। बाहर आकर उन्होंने उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन के खिलाफ सांकेतिक धरना दिया।
इस मौके पर खानपुर विधायक ने कहा कि क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड भ्रष्टाचार और अनियमितता का अड्डा बन चुका है। उन्होंने कुछ दस्तावेज साझा करते हुए बताया कि किस तरह से उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा लॉकडाउन के समय करोड़ों खर्च किए गए। जब लॉक डाउन हटा और स्थिति सामान्य हुई है तो हाल ही में उत्तराखंड की क्रिकेट टीम द्वारा भूखे पेट खेले गए मैच ने पूरे देश में सुर्खियां बटोरी हैं।
रणजी ट्राफी क्रिकेट के क्वार्टर फाइनल में मुंबई से 725 रनों से हार कर वर्ल्ड रिकॉर्ड वाली उत्तराखंड की टीम के कर्णधारों पर हैं ये आरोप
#मैच के दौरान खिलाड़ी भूख से बेहाल थे क्योंकि उन्हें दैनिक भत्ता नहीं मिला
#क्रिकेटरों ने खाए 35 लाख के केले और पी गये 22 लाख का पानी
#अध्यक्ष जोत सिंह गुनसोला को मिलता है 60 हजार प्रति माह
#खाने पर खर्च कर दिए एक करोड़ 74 लाख
# बिना सहमति के गोल्ड कप के लिए 25 लाख दिए
#क्रिकेटर आर्य सेठी के पिता रवि सेठी से मांगी 10 लाख रुपये रिश्वत
#प्रवक्ता संजय गुसाईं का बेटे को रखा है जबरदस्ती उत्तराखंड की टीम में
उमेश कुमार ने बताया कि अब वह न्यायालय की शरण में जाएंगे। उन्होने कहा कि रणजी ट्राफी के बाद से ही लोग उत्तराखंड क्रिकेट एसोशियेशन को संदेह की नजर से देख रहे है और एसोशियेशन पर सवाल उठा रहे हैं। कहा कि क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड पर तमाम तरह के भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। इन आरोपों में टीम के सलेक्शन से लेकर कोच, मैनेजर, फीजियो, सलेक्टर और तमाम पदाधिकारी भी घेरे में हैं। विधायक उमेश कुमार इसकी ई. डी.और सी. बी. आई. से इसकी जांच करने की मांग कर रहे थे।
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