महाकुम्भ का मकसद उत्तराखंडी संस्कृति, साहित्य एवं लोककला को बढ़ावा देना – विनोद बछेती


नई दिल्ली , 21 नवम्बर : राजधानी दिल्ली में आज दूसरे उत्तराखंडी महाकुंभ का सफल आयोजन रास विहार मैदान में हुआ, जहां हजारों की संख्या् में लोग एकत्रित हुए। मुख्य रूप से इसका आयोजन उत्तराखंड एकता मंच, उत्तराखंड लोक भाषा साहित्य मंच और भुम्याल विकास मंच ने किया। इस मौके पर उत्तराखंड की अलग अलग कला के रंग देखने को मिले। साथ ही इस वर्ष 12वीं व 10वीं में बेहतर अंक हासिल करने वाले मेधावी छात्र छात्राओं को शील्ड व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। उत्तराखंड एकता मंच के संयोजक व संरक्षक डॉ0 विनोद बछेती ने सभी का हौसला बढाया और उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि ये बच्चे हमारे उत्तराखंड के भविष्य हैं।

विनोद बछेती ने कहा कि इस महाकुम्भ का मकसद है उत्तराखंडी संस्कृति, साहित्य एवं लोककला को बढ़ावा देना ताकि लोग इससे अच्छी तरह रूबरू हों। उन्होंने गढ़वाली, कुमाउनी भाषाओं को संविधान की आठवीं अनुसूची में जगह मिले इसकी पुरजोर तरीके से मांग भी इस मंच रखी। महाकुंभ को कामयाब बनाने के लिए मंच पर जहां उत्तराखंड के जानेमाने साहित्यकार ने अपने मौजूदगी दर्ज कराई वहीं उत्तराखंड के जानेमाने लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी ने अपने चिर परिचित अंदाज में अपनी गायकी के जरिए समां बांध दिया। इस मौके पर महाकवि कन्हैयालाल डंडरियाल स्मृति साहित्य सम्मान से भी जाने माने विभूतियों को सम्मानित किया गया। जिनमें हिंदी व गढ़वाली के वरिष्ट साहित्यकार रमेश चन्द्र घिल्डियाल, संपादक इश्वरी प्रसाद उनियाल को और लोक कला सम्मान ढोलक वादक उत्तम दास को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में गढ़रत्न नरेन्द्र सिंह नेगी, स्वरकोकिला मीना राणा एवं विशन हरियाला, भगवत मनराल आदि गणमान्य भी मौजूद थे। कार्यक्रम में कंद्रीय राज्य मंत्री अजय भटट, दिल्ली प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष आदेश गुप्ता आदि ने कार्यक्रम में अपने विचार रखे।

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