देहरादून। उत्तराखंड के चमोली जिले में जोशीमठ के निकट रविवार की सुबह आई आपदा के बाद से राहत और बचाव का कार्य जारी है। रैणी हाईड्रो पावर प्रोजेक्ट की टनल को खोलने का काम चल रहा है। अब तक 31 लोगों के शव बरामद कर लिए गये हैं। राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा लेने के लिए कल मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत प्रभावित क्षेत्र में डेरा डाले हुए थें उन्होंने राहत कार्यों पर नजर रखे हुए हैं। सुबह के समय उन्होंने प्रभावित क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण भी किया। इसके बाद मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आर्मी अस्पताल जोशीमठ में भर्ती घायलों से मिलकर उनका हालचाल जाना।
इसके बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जोशीमठ आर्मी हैलीपेड से सीमांत गांव क्षेत्र लाता के लिए रवाना हुए। रविवार को तपोवन क्षेत्र में हुई भीषण त्रासदी में जिले के जोशीमठ ब्लाक के सीमांत क्षेत्र के 13 गांवों का सड़क संपर्क टूट गया था। इस आपदा से सीमांत क्षेत्र के रैणी पल्ली, पैंग, लाता, सुराईथोटा, सुकी, भलगांव, तोलमा, फगरासु, लोंग सेगडी, गहर, भंग्यूल, जुवाग्वाड, जुगजू गांवो से सड़क संपर्क अभी कटा है। ग्रामीणो का हालचाल जानने आज स्वयं मुख्यमंत्री लाता पहुंचे। यहां उन्होंने ग्रामीणों से बातचीत और इसके बाद वह देहरादून लौट गए। वहीं मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों को हर सम्भव सहायता के प्रति आश्वस्त किया। उन्होंने जिलाधिकारी चमोली को निर्देश दिये कि कनेक्टिविटी से कट गये गांवों में आवश्यक वस्तुओं की कमी न रहे। वहीं आज पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी आपदा प्रभावित क्षेत्र का जायजा लिया।

आइटीबीपी की टीम ने किया हेलीपैड का निर्माण
चमोली। जिन ग्रामीणों का संपर्क उत्तराखंड के अंदर से टूट चुका है गुड़गांव में पहुंचने के लिए सेना की टीमों ने कल ही तैयारी कर ली थी। इसके साथ ही उन्होंने वहां पहुंच कर एक हेलीपैड का निर्माण भी किया।
राहत अभियान के लिए लता गांव में नागरिक प्रशासन द्वारा एक अस्थायी हेलीपैड स्थापित किया गया है।
प्रभावित ग्रामीणों के बीच वितरित करने के लिए सिविल प्रशासन द्वारा प्ज्ठच् को हेली ड्राई राशन पैकेट प्रदान किए गए।
आईटीबीपी के सैनिकों ने कुल 87 नं.जुगाजू, जुगवार गांव में सूखे राशन के पैकेट बांटे। ये गांव हेलीपैड से लगभग 7 किलोमीटर दूर , जो कि लता गांव में है। टुकड़ी वहां पैदल पहुंची और ग्रामीणों के बीच वितरित की गई।वही टीम रात 20.30 बजे सुरक्षित रूप से मलारी पहुंची। इसके अलावा एसडीआरएफ के जवान रात भर सुरंग से मलबा हटाने में लगे रहे।

उधर डीजीपी उत्तराखंड अशोक कुमार ने बताया कि आज तीन शव टनल में मिले और एक शव कर्णप्रयाग नदी में मिला। उन्होंने कहा कि टनल खोलने का काम जारी है। रेस्क्यू आपरेशन में एसडीआरएफ के 70 जवान, एनडीआरएफ के 129 जवान, आइटीबीपी के 425 जवान, एसएसबी की एक टीम, सेना के 124 जवान, आर्मी की दो मेडिकल टीम और स्वास्थ्य विभाग की दो टीमें लगी हैं। राहत अभियान के लिए लता गांव में एक अस्थायी हेलीपैड तैयार किया गया है। प्रभावित ग्रामीणों के बीच सिविल प्रशासन की ओर से आईटीबीपी को हेली ड्राई राशन पैकेट प्रदान किए गए। जो प्रभावितों तक पहुंचाए गए हैं। सड़क संपर्क से कटे गांवों में राशन पहुंचाया जा रहा है।
जोशीमठ-मलारी हाइवे पर मोटरपुल टूटने से कट गए गांवों में भी राहत सामग्री का वितरण किया जा रहा है। राहत व बचाव कार्यों को तेज करने के लिए चमोली जिले को 20 करोड़ की राशि जारी की गई। चमोली के आपदा प्रभावित इलाकों में सेना, आइटीबीपी, एसएसबी और एसडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। चमोली पुलिस के अनुसार, टनल में फंसे लोगों के लिए राहत एवं बचाव कार्य जारी है।

 

रेणी गांव के लिए देवदूत से कम नहीं एसडीआरएफ के जवान