लापता हुए लोगों को ढूँढने के समुचित प्रयास हों. घायलों के इलाज का सम्पूर्ण खर्च राज्य सरकार वहन करे और मृतकों को समुचित मुआवजा दे सरकार ।
उत्तराखंड में जोशीमठ क्षेत्र में ग्लेशियर टूटने के चलते हुए दुर्घटना में हताहत हुए मजदूरों और स्थानीय लोगों के प्रति भाकपा(माले) संवेदना प्रकट करती है. इस घटना की चपेट में आ कर लापता हुए लोगों को ढूँढने के समुचित प्रयास किए जाने चाहिए. घायलों के इलाज का सम्पूर्ण खर्च राज्य सरकार वहन करे और मृतकों को समुचित मुआवजा राज्य सरकार द्वारा दिये जाने की मांग करते हैं. ऋषिगंगा परियोजना जिस क्षेत्र में स्थित है, वह चिपको आंदोलन के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध गौरा देवी का गाँव-रैणी है. एक जमाने में जिस क्षेत्र में जंगलों को बचाने के लिए लोग पेड़ों से चिपक गए, बीते कुछ सालों से न केवल इस गाँव के आसपास बल्कि पूरे जोशीमठ क्षेत्र में बड़े पैमाने पर जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण के लिए प्रकृति से छेड़छाड़ हुई और विस्फोट भी किए गए. भाकपा(माले) इस क्षेत्र में बड़ी जलविद्युत परियोजनाओं के निर्माण के लिए प्रकृति के साथ खिलवाड़ के खिलाफ निरंतर संघर्ष करती रही है. प्रकृति के अंधाधुंध दोहन और खिलवाड़ के नतीजे के तौर पर इस तरह की दुर्घटनाओं एवं त्रासदियों की मार लोगों को झेलनी पड़ती है और उसकी चपेट में अक्सर वे लोग आते हैं, जो इस खिलवाड़ और दोहन के लिए जिम्मेदार नहीं होते हैं.