इस समय को सोशल मीडिया और जानकार का युग कहा जाता है। सोशल मीडिया पर लोग अपने विचार रखने के लिए स्वतंत्र है। दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल फेसबुक का होता है। हालांकि कई बार भारत समेत कई देशों की राजनीति में फेसबुक की भूमिका पर सवाल उठाए जा चुके हैं। अब सोलोमन की सरकार ने फेसबुक को बैन करने का फैसला कर लिया है। सरकार का कहना है कि इस प्लैटफॉर्म पर राजनेताओं के खिलाफ अभद्र बातें होती हैं और उनका चरित्र हरण करने की कोशिश होती है। सरकार के इस फैसले का यहां के युवा विरोध कर रहे हैं।

इससे पहले चीन, ईरान और नॉर्थ कोरिया में फेसबुक पर पाबंदी है। कई देश कुछ समय के लिए फेसबुक को ब्लॉक कर चुके है। नाउरू ने 2015 में इस सोशल मीडिया को बैन कर दिया गया लेकिन 2018 में फिर से अनब्लॉक कर दिया गया। सोलोमन के प्रधानमंत्री ने सोमवार को कैबिनेट के सामने फेसबुक बैन का प्रस्ताव पेश किया। अभी यह साफ नहीं होगा कि सरकार का यह प्रस्ताव कब तक लागू किया जाएगा।

सोलोमन में भी फेसबुक का इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है। सरकार खुद कोरोना के समय लोगों को जागरूक करने के लिए फेसबुक का इस्तेमाल कर रही थी। यहां के प्रधानमत्री का संबोधन भी फेसबुक पर चलाया गया था। अब सरकार का कहना है कि प्लैटफॉर्म का इस्तेमाल राजनेताओं को गाली देने और खतरनाक सामग्री पोस्ट करने के लिए होता है। यहां की सरकार के बयान में कहा गया, ‘अब यहा इंटरनेट के इस्तेमाल पर भी निगरानी रखने की जरूरत है जिससे युवा गलत सामग्री का इस्तेमाल न करें।’

फेसबुक को यहां की राजधानी होनियारा में हुए दंगों के लिए भी जिम्मेदार माना गया था। आरोप है कि प्रधानमंत्री चुनाव के बाद सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म विपक्ष का साथ दे रहा था। प्रदर्शनों के लिए भी दंगाइयों ने सोशल मीडिया का सहारा लिया था। बता दें कि चीन में एक दशक से ज्यादा से फेसबुक बैन है। सोलोमन में भी अच्छी खासी चीनी आबादी रहती है और इसके बीजिंग के साथ खास रिश्ते हैं। यहां के विपक्ष ने सरकार पर वार करते हुए कहा कि देश में अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला किया जा रहा है।

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