पब्लिक ट्रांसपोर्ट संचालन को सब्सिडी पर डीजल के परमिट दे सरकारः मोर्चा
-बस, विक्रम आदि ट्रांसपोर्ट न चलने से जनता झेल रही दोहरी मार
-डीजल में सब्सिडी देने से सड़कों पर दौड़ सकेंगे वाहन
-ट्रांसपोर्ट मालिकों का भी आर्थिक संकट हो जाएगा दूर
विकासनगर, जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि विगत कई महीनों से पब्लिक ट्रांसपोर्ट संचालित न होने की वजह से साधन विहीन लोगों, उद्यमों अन्य संस्थानों में काम करने वाले आमजन परेशान हैं। नेगी ने कहा कि सरकार की योजना आधी क्षमता (सवारियों) के साथ बस, विक्रम आदि चलाने की है, जो कि धरातल पर संभव नहीं है क्योंकि ड्राइवर- कंडक्टर का वेतन, बीमा अन्य खर्च इतना अधिक है कि वाहन सड़क पर उतारना संभव नहीं है।
इसका सिर्फ और सिर्फ एक ही उपाय है कि सरकार बसों, विक्रम आदि ट्रांसपोर्ट को डीजल में सब्सिडी के परमिट जारी कर इनको राहत दे, जिससे वाहन सड़कों पर दौड़ सके एवं इसके साथ साथ आमजन को भी राहत मिल सके। आधी क्षमता के साथ वाहन चलाना सिर्फ धर्मार्थ का सौदा तो हो सकता है लेकिन परिवार का पेट पालने का नहीं। नेगी ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश सरकार डीजल पर लगभग 16.00-17.00 रुपया टैक्स वसूल रही है इस पर अगर सरकार सब्सिडी दे या टैक्स (वैट) माफ कर दे तो निश्चित तौर पर काफी हद तक जनता एवं ट्रांसपोर्टर्स को राहत मिल सकती है। वैसे केंद्र सरकार डीजल पर 31.00-32.00 रूपया उत्पाद शुल्क वसूल रही है, वो कम करने वाली नहीं। मोर्चा सरकार से मांग करता है कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट को सब्सिडी वाले डीजल परमिट जारी कर व 75 प्रतिशत सीटों के साथ वाहन चलाने की अनुमति प्रदान कर राहत दे।
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