राज्य आंदोलनकारी व पत्रकार राजीव गौड़ का फोड़ा सिर मुजीब नैथानी पर झोंका फायर

कोटद्वार: पत्तलकारिता के दौर में 10 दिन से दो सिरफ़िरे राज्य आंदोलनकारी, पत्रकार, आरटीआई एवं सोसियल पॉलिटिकल एक्टिविस्ट राजीव गौड़ व मुजीब नैथानी अपनी छोटी सी टीम लेकर अपने अपने न्यूज पोर्टल/चैनल के लिए #कोटद्वार की #खो व #सुखरों #नदी में हो रहे #अवैध_खनन व ट्रकों से जा रहे #ओवरलोडिंग माल की ज़मीनी लाइव #रिपोर्टिंग कर रहे हैं, उसी लाइव रिपोर्टिंग के दौरान वो स्थानीय प्रशासन से लेकर ज़िले के #एसपी, #डीएम तक को फ़ोन करते हैं मगर एसपी, डीएम फोन तक रिसीव नहीं करते हैं, थक हार कर पत्रकार राजीव गौड़ पुलिस के आला अधिकारी डीजी लौ एंड ऑर्डर अशोक कुमार को फ़ोन कर सारा मामला बताते हैं, इसी बीच जैसा कि राजीव गौड़ वीडियो में बता रहे हैं 30 तारीख की शाम 7 बजे को खनन माफ़िया 20-25 लोगों के साथ आकर मुजीब नैथानी व राजीव गौड़ के ऊपर जानलेवा हमला करते हैं गोलियां चलाते हैं, बंदूक की बट से राजीव के सिर पर हमला करते हैं!

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के नाम खुला पत्र :
खनन माफ़ियों को कौन आइसोलेट करेगा,महोदय ?

महोदय,

उम्मीद है आप स्वस्थ होंगे. प्रदेश कोरोना का कहर झेल रहा है. लेकिन इसी प्रदेश के कोटद्वार शहर में कोरोना से भी ज्यादा बड़ा खतरा खनन माफिया का हो गया है.
बीते दिनों पत्रकार राजीव गौड़ और सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता मुजीब नैथानी कोटद्वार में चल रहे अवैध खनन को फ़ेसबुक लाइव के जरिये उजागर कर रहे थे. उस लाइव वीडियो को देख कर सहज ही अंदाज लगाया जा सकता है कि किस तरह से कोटद्वार में अवैध खनन धड़ल्ले से चल रहा है. राज्य सरकार द्वारा निर्धारित तीन मीटर खनन की सीमा से कई गुना अधिक खनन की तस्वीरें मुजीब नैथानी और राजीव गौड़ फ़ेसबुक लाइव के जरिये सामने लाये.
इससे बौखलाए खनन माफियाओं ने मुजीब नैथानी और राजीव गौड़ पर हमला बोला दिया. राजीव गौड़ को बुरे तरीके से मार-पीट कर लहूलुहान कर दिया गया. मुजीब नैथानी पर भी गोलियां चलाये जाने की खबर है. सुखद यह है कि वे बच गए.
होना तो यह चाहिए था कि राजीव गौड़ को लहूलुहान करने और मुजीब नैथानी पर गोली चलाने वालों के खिलाफ हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया जाता. पर कोटद्वार पुलिस ने इसके ठीक उलट राजीव गौड़ और मुजीब नैथानी पर ही हत्या के प्रयास समेत कई संगीन धाराओं में मुकदमा कर लिया. यह आश्चर्यजनक है कि जिन्होंने राजीव गौड़ को लहूलुहान किया और मुजीब नैथानी पर गोली चलायी,उनके विरुद्ध हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज नहीं किया गया.
उक्त दोनों व्यक्तियों पर हमला करने वालों की तरफ से जो एफ.आई.आर. कोटद्वार पुलिस ने दर्ज की है,उसमें कहा गया है कि उक्त दोनों व्यक्ति खनन की एवज में रंगदारी मांग रहे थे. प्रश्न यह है कि यदि ऐसा हो रहा था तो उक्त दोनों पर हमला करने और लहूलुहान करने वाले, हमला करने के बजाय पुलिस के पास क्यूँ नहीं गए ? जो पुलिस हमला करने के बावजूद, उनकी तरफ से, लहूलुहान होने वालों पर ही हत्या के प्रयास का मुकदमा लिख दे रही है,वो पुलिस उनसे अवैध वसूली की कोशिश करने वालों को क्यूँ कर नहीं पकड़ती ?
सवाल यह भी है कि यदि खनन नियमसम्मत तरीके से हो रहा था तो उक्त दोनों लोगों के वीडियो बनाने से हमलावरों को इस कदर बौखलाने की जरूरत क्या थी कि एक व्यक्ति का सिर फोड़ दिया गया और दूसरे व्यक्ति पर गोली चलाई गयी,जिससे वह संयोगवश बच गया. इससे साफ है कि अवैध खनन किया जा रहा था,जिसकी फ़ेसबुक लाइव के जरिये पोल खुलती देख, हमलावरों ने उक्त दोनों व्यक्तियों पर जान लेवा हमला कर दिया.
महोदय,स्वास्थ्य के मद्देनजर आप क्वारंटीन हो गए हैं. लेकिन सवाल है कि खुलेआम तांडव मचाते खनन माफिया को क्वारंटीन कौन करेगा ? अभी इनको आइसोलेट नहीं किया गया तो प्रदेश में लोगों की जान और प्राकृतिक संसाधन दोनों के लिए गंभीर खतरा हो जाएगा.
अतः हमारी यह मांग है कि कोटद्वार में राजीव गौड़ और मुजीब नैथानी के विरुद्ध दर्ज फर्जी मुकदमा रद्द किया जाये,उन पर हमला करने वालों के खिलाफ हत्या के प्रयास और अवैध खनन के लिए मुकदमा चले. उत्तराखंड जैसे अपेक्षाकृत शांत प्रदेश में खनन माफिया ऐसा खुलेआम तांडव करे और पुलिस कुछ नहीं सुनने-कुछ नहीं देखने की मुद्रा में आ जाये,यह कतई स्वीकार्य नहीं हो सकता.
स्थिति की गंभीरता को समझते हुए आप तत्काल हस्तक्षेप करेंगे,ऐसी अपेक्षा है.

सहयोगाकांक्षीइन्द्रेश मैखुरी
गढ़वाली सचिव
भाकपा(माले)

मामला थाने तक पहुँचता है, थाने में पुलिस के सामने भी खनन माफ़िया राजीव गौड़ पर हमला करने का प्रयास करता है जिसे पुलिस रोक देती है! उसके बाद पुलिस राजीव गौड़ व मुजीब नैथानी के बयान के आधार पर महेंद्र बिष्ट, कोटद्वार, अजय नेगी, हरिद्वार, प्रधान हरिद्वार व 20-25 अज्ञात के नाम मु.अ.स. 162/2020 धारा 147/324/506 में दर्ज कर लेती है!

अब इसके बाद कहानी में आता है ट्विस्ट, 10 दिन से अवैध खनन, ओवर लोडिंग की शिकायत पर जो कोटद्वार पुलिस आँख मूंदकर सोई हुई थी वो सामने जानलेवा हमला के शिकार व्यक्ति को देखते हुए भी उसके खिलाफ हमलावरों द्वारा रची गई कहानी के आधार पर क्रॉस मुकदमा दर्ज कर लेती है, छोटी मोटी धाराओं में भी नहीं मु.अ.स. 163/2020 धारा 307/506/324/384 भादवि व 3(1)(घ) अनुसूचित जाति/जनजाति अधिनियम बनाम राजीव गौड़ व मुजीब नैथानी….

है न ग़जब का ट्विस्ट… अब जो भी अंजाम होगा देखा जायेगा, हम इतना जानते हैं खनन की परमिशन 3 मीटर की थी और खनन 5-5 मीटर तक किया जा रहा है, ओवरलोडिंग ले जाई जा रही है, पुलिस प्रशासन लूट में हिस्सेदार है या नालायक है, ज़िले के उच्च अधिकारी भी हिस्सेदार हैं या नालायक है, 10 दिन से लाइव चल रहा था, 5-6 दिन से रिपोर्टिंग करने वाले ब्लैकमेल कर रहे थे और पर पट्टा 5 लाख रूपये माँग रहे थे तो पुलिस में शिकायत क्यों नहीं की भाई? मुकदमा होने के बाद ही क्यों जाति सूचक शब्द, धमकी, ब्लैकमेलिंग आदि सब याद आया? अमा छोड़ो यार इतने नादां तो हम भी नहीं….

अब तक आप समझ गए होंगे कि खनन माफ़िया स्थानीय प्रशासन, ज़िला प्रशासन के साथ सैटिंग के कारण खुले सांड की तरह गुंडागर्दी नहीं कर रहे हैं बल्कि उनके तार शासन सत्ता तक जुड़े हैं वर्ना एक दरोगा इतनी जुर्रत न करता कि पीड़ित को ही अपराधी बनाकर मुकदमा लिख डाले, ये डबल इंजन की सरकार है जिसमें मुखिया बार बार ज़ीरो टालरेंस का राग अलापते हैं!
भार्गव चन्दोला, देहरादून

 

https://jansamvadonline.com/in-context/double-scam-in-double-engine-government/

 

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