देहरादून, दिल्ली के रोहिणी की निवासी, 31 वर्षिय महिला पिछले चार सालों से दिलकी क्रोनिक बीमारी से पीड़ित थीं। अप्रैल के आखिरी सप्ताह में उनकी हालत बहुत बिगड़ गई, उन्हें तुरंत ओपन हार्ट सर्जरी की जरूरत थी। जब उन्हें 30 अप्रैल को इलाज के लिए लाया गया, उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही थी, उनकी हार्ट बीट अनियमित थी। ईको करने से पता चला कि उनके हार्ट की एक आर्योटा में बहुत ज्यादा लीकेज है (आर्योटा ऑक्सीजन से युक्त रक्त को शरीर के विभिन्न हिस्सों तक पहुंचाती है), हार्ट का साईज भी असामान्य रूप से बढ़ गया था। इन्द्रप्रस्थ अपोलो में डॉ राजीव कुमार राजपूत और डॉ मुकेश गोयल के नेतृत्व में कार्डियोलोजी एवं कार्डियोथो रेसिक टीम ने बेंटल प्रक्रिया से उनकी हाई-रिस्क ओपन हार्ट सर्जरी की, जिसमें खराब हो गए वाल्व को बदला जता है।
डॉ राजीव कुमार राजपूत, सीनियर कन्सलटेन्ट, इंटरवेंशनल कार्डियोलोजी, इन्द्रप्रस्थ अपोलो होस्पिटल्स ने कहा, ‘‘इस स्थिति को बाईक स्पीड आर्योटिक वाल्व कहते हैं, जिसमें आर्योटा 5 सेंटी मीटर तक फैल जाती है, और इसकी वजह से इसमें बहुत ज्यादा लीकेज हो जाता है। जिसके चलते शरीर को ऑक्सीजन से युक्त खून की आूपर्ति ठीक से नहीं हो पाती। अगर समय पर इलाज न किया जाए, तो यह स्थिति जान लेवा हो सकती है।’’ ‘भारत में बुरी जीवन शैली, गैर-सेहतमंद आहार, व्यायाम की कमी के चलते दिल की बीमारियों के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, इसके साथ ही जीवन प्रत्याशा भी बढ़ी है। इसके अलावा उम्र बढ़ने के साथ भी कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम पर असर पड़ता है। ऐसे में हमें उम्र बढ़ने के साथ अपने दिल की खास देखभाल करनी चाहिए और सेहतमंद जीवन शैली को अपनाना चाहिए।’ डॉ मुकेश गोयल, सीनियर कन्सलटेन्ट, कार्डियोथोरेसिक एवं वैस्कुलर सर्जरी, इन्द्रप्रस्थ अपोलो होस्पिटल्स ने कहा, ‘‘8 घण्टे तक चली इस प्रक्रिया में हमने बेंटल प्रक्रिया से ओपन हार्ट सर्जरी की। बेंटल सर्जरी आर्योटा से जुड़ी समस्याओं के इलाज के लिए काम में ली जाती है, इसमें खराब हो गई आर्योटा को बदलकर कोरोनरी आर्टरी का ग्राफ्टरी इम्प्लान्ट किया जाता है। सर्जरी के बाद मरीज के हार्ट में ब्लाक भी था, जिसके लिए पेसमेकर लगाया गया।’मान्य रूप से बढ़ गया था। इन्द्रप्रस्थ अपोलो में डॉ राजीव कुमार राजपूत और डॉ मुकेश गोयल के नेतृत्व में कार्डियोलोजी एवं कार्डियोथो रेसिक टीम ने बेंटल प्रक्रिया से उनकी हाई-रिस्क ओपन हार्ट सर्जरी की, जिसमें खराब हो गए वाल्व को बदला जता है।
डॉ राजीव कुमार राजपूत, सीनियर कन्सलटेन्ट, इंटरवेंशनल कार्डियोलोजी, इन्द्रप्रस्थ अपोलो होस्पिटल्स ने कहा, ‘‘इस स्थिति को बाईक स्पीड आर्योटिक वाल्व कहते हैं, जिसमें आर्योटा 5 सेंटी मीटर तक फैल जाती है, और इसकी वजह से इसमें बहुत ज्यादा लीकेज हो जाता है। जिसके चलते शरीर को ऑक्सीजन से युक्त खून की आूपर्ति ठीक से नहीं हो पाती। अगर समय पर इलाज न किया जाए, तो यह स्थिति जान लेवा हो सकती है।’’ ‘भारत में बुरी जीवन शैली, गैर-सेहतमंद आहार, व्यायाम की कमी के चलते दिल की बीमारियों के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, इसके साथ ही जीवन प्रत्याशा भी बढ़ी है। इसके अलावा उम्र बढ़ने के साथ भी कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम पर असर पड़ता है। ऐसे में हमें उम्र बढ़ने के साथ अपने दिल की खास देखभाल करनी चाहिए और सेहतमंद जीवन शैली को अपनाना चाहिए।’ डॉ मुकेश गोयल, सीनियर कन्सलटेन्ट, कार्डियोथोरेसिक एवं वैस्कुलर सर्जरी, इन्द्रप्रस्थ अपोलो होस्पिटल्स ने कहा, ‘‘8 घण्टे तक चली इस प्रक्रिया में हमने बेंटल प्रक्रिया से ओपन हार्ट सर्जरी की। बेंटल सर्जरी आर्योटा से जुड़ी समस्याओं के इलाज के लिए काम में ली जाती है, इसमें खराब हो गई आर्योटा को बदलकर कोरोनरी आर्टरी का ग्राफ्टरी इम्प्लान्ट किया जाता है। सर्जरी के बाद मरीज के हार्ट में ब्लाक भी था, जिसके लिए पेसमेकर लगाया गया।’