-पिछले विधानसभा चुनाव में दोनों  कर चुके करारी हार का सामना

देहरादून,  पिछले विधानसभा चुनाव में करारी हार का सामना कर चुके भाजपा-कांग्रेस के दिग्गज नैनीताल-ऊधमसिंहनगर लोकसभा सीट पर आमने सामने हंै।  कांग्रेस प्रत्याशी हरीश रावत और भाजपा प्रत्याशी अजय भट्ट का राजनीतिक भविष्य दांव पर लगा हुआ है। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में रानीखेत विधानसभा सीट से चुनाव हार चुके अजय भट्ट और हरिद्वार ग्रामीण के साथ ही किच्छा विधानसभा से चुनाव हार चुके हरीश रावत को भी इस लोकसभा चुनाव में अंदरखाने उनकी ही पार्टी के कुछ नेता नुकसान भी पंहुचाने का प्रयास कर रहे हैं। जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा यह फैसला मतदान कर जनता करेगी। किन्तु कांग्रेस भाजपा के इन दो दिग्गजों में इस बार जो हार का सामना करेगा। उसके राजनीतिक भविष्य पर प्रश्नचिन्ह लगना तय हो सकता है।
राजनीतिक गलियारों में उठ रही चर्चाओं के अनुसार टिकट न मिलने से नाराज पूर्व भाजपा सांसद बलराज पासी और खुद पर मुकदमा दर्ज होने के बाद शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे भी खुलकर भाजपा प्रत्याशी अजय भट्ट के पक्ष में चुनाव प्रचार नहीं कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ टिकट नहीं मिलने से नाराज पूर्व सांसद महेंद्र पाल सिंह भी हरीश रावत के प्रचार से दूरी बनाए हुए हैं। भाजपा ने अजय भट्ट के तौर पर 21 साल बाद नैनीताल-ऊधमसिंहनगर लोकसभा सीट पर किसी ब्राह्मण प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतारा है। हालांकि वर्ष 1951 से इस सीट पर 10 बार कांग्रेस और तीन बार भाजपा प्रत्याशी का कब्जा रहा है।
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इन दोनों पार्टी के नेता अपने-अपने प्रत्याशी की जीत का दावा कर रहे हैं। बीजेपी प्रत्याशी अजय भट्ट ने कहा कि नैनीताल-ऊधमसिंह नगर सीट पर भाजपा ही जीतेगी. लोगों ने बीजेपी को जिताने का मन बना लिया है। उन्होंने कहा कि लोगों ने तय कर लिया है कि जो लोग आतंकवादियों की तरफदारी करते हैं, पाकिस्तान को सुख देने वाले बयान देते हैं। उनके पक्ष में किसी भी हालत में वोट नहीं करना है। इसके विपरीत लोगों ने उस मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनाने की सोच ली है जो देश की सुरक्षा के प्रति कटिबद्ध हैं और आतंकवादियों को धूल चटा रहे हैं।