देहरादून , 1 जनवरी, आज शहीद स्मारक देहरादून में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी सयुंक्त मंच के तत्वावधान में राज्य आंदोलनकारियों को राजकीय सेवाओं में 10% क्षैतिज आरक्षण बहाल करने व चिन्हीकरण की प्रक्रिया पूर्ण करने की माँग को लेकर जारी आंदोलन के सातवें दिवस पुलिस प्रशासन ने सुबह आंदोलनकारी सुनीता ठाकुर को दर्शनलाल चौक में हिरासत में ले लिया जिसका सुनीता ने जम कर विरोध किया। सड़क पर बढ़ती भीड़ के चलते पुलिस उन्हें पहले धारा चौकी और बाद में लक्ष्मण चौक,चौकी ले गई। लक्ष्मण चौक पहुंच कर सुनीता ठाकुर ने आमरण अनशन की घोषणा कर दी जिसके बाद पुलिस प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। इसके बाद ऑफिसर इंचार्ज शालिनी नेगी ने क्रान्ति कुकरेती, अंबुज शर्मा आदि को वार्ता के लिए चौकी बुलावा लिया। आंदोलनकारियों ने बताया कि स्वयं सरकार ने सदन में कहा था कि वह 10% के एक्ट को 15 दिन के अंदर विशेष सत्र बुलवा कर राज भवन भेज देगी। अब 9 नवम्बर के बाद से कितने दिन हो चुके हैं वह खुद ही गिन लें । वह सरकार से सिर्फ़ इतना जानना चाहते हैं कि 15 दिन कब पूरे होंगे। मामले को समझने के बाद उन्होंने उनकी मुलाकात मुख्यमंत्री से करवाने का आश्वान दिया, जिसके बाद सुनीता ठाकुर ने अपने आत्मदाह के फैसले को वापस लेते हुए आमरण अनशन ज़ारी रखने का निर्णय ले लिया।
आत्मदाह के फैसले से हटने के बाद प्रशसन ने भी उन्हें छोड़ दिया। जिसके बाद वह शहीद स्मारक पहुंच गईं। शहीद स्मारक पर बैठे आंदोलनकारियों ने गर्मजोशी के साथ उनका स्वागत किया। जिसके बाद शहीद स्मारक पर हुई सभा में आंदोलनकारियों ने सुनीता ठाकुर की गिरफ्तारी की कड़े शब्दों में निंदा की और उत्तरकाशी धनारी से आए बुजुर्ग आंदोलनकारी खुशपाल सिंह परमार ने भी उनके समर्थन में अन्न जल त्यागने की घोषणा कर दी है।
आज के धरने में बैठने वालों में राम किशन, सुनीता ठाकुर, अंबुज शर्मा , सूर्यकांत शर्मा, सुरेश कुमार, सुरेंद्र पंवार, सरला शर्मा, जगदीश पन्त, कुन्ती शर्मा, किरण डोभाल, प्रदीप कुकरेती,लोक बहादुर थापा, सत्या पोखरियाल, शिव प्रसाद सेमवाल, राजेन्द्र पन्त, सुलोचना इष्टवाल, विपुल नौटियाल, मुन्नी खंडूरी, प्रभात डंडरियाल,रेखा शर्मा, अभिषेक बिष्ट, रामचन्द्र नौटियाल, मीरा गुसाईं, सरला शर्मा,नवनीत गुसाईं, प्रवीण पुरोहित आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।