देहरादून, उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच की कोर कमेटी की बैठक रविवार को कचहरी स्थित शहीद स्मारक पर आयोजित की गई।  कोर कमेटी की बैठक  का मुख्य उद्देश्य पांच दिसंबर को राज्य आंदोलनकारी संयुक्त संगठन के बैनर तले आठ सूत्रीय मांगों को लेकर किए गए विधानसभा घेराव और इसके बाद आंदोलनकारियों के साथ कैबिनेट मंत्री डा. धन सिंह रावत और विधायक धर्मपुर विनोद चमोली के साथ हुई वार्ता पर चर्चा करना रहा।
मंच के अध्यक्ष नेगी ने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों की नजर अब सरकार पर है। गेंद पूरी तरह से सरकार के पाले में है। आंदोलनकारियों के सम्मान और उनकी मांगों की किस ढंग से रक्षा करनी है यह सरकार को तय करना है और यह सरकार की प्रमुख जिम्मेदारी भी है। इससे पहले कोर कमेटी ने राज्य के हितों के साथ आंदोलनकारियों की स्थिति को लेकर तीखी बहस हुई जिसके बाद कोर कमेटी ने निर्णय लिया कि यदि सरकार और इसके मंत्रियों ने इस बार भी वादा खिलाफी करी  तो  राज्य आंदोलनकारी इसे किसी भी सूरत में माफ नहीं करगें और इस  मुद्दे को प्रदेश की जनता के समक्ष ले जाकर सरकार से आर-पार की लड़ाई  लड़ेंगें। अन्य वक्ताओं का भी कहना था कि वह तत्कालीन सरकार के  झूठे आश्वासनों पर विश्वास कर के कई बार छले जा चुके हैं जिससे अपने लोगों के बीच ही वह उपहास का केंद्र बनते जा रहें हैं वह इसलिए अबकी बार पूरी ताकत से सरकार के सामने अपनी बात रखे.
बैठक में मंच के जिला अध्यक्ष प्रदीप कुकरेती,जयदीप सकलानी, वेद प्रकाश शर्मा, डा. अमर सिंह अहितान, रामलाल खंडूरी, अम्बुज शर्मा विनोद असवाल, जबर सिंह पावेल, हरजिंदर सिंह, विक्रम भंडारी, प्रभा नैथानी, सुलोचना भट्ट, चंद्रकांता बेलवाल, सतेंद्र नोगाई, हरी सिंह मेहर, प्रभात डंडरियाल, जीतपाल,सुरेश नेगी, उपेंद्र सेमवाल आदि मौजूद रहे।