108 सेवा सरकारी उपेक्षा के कारण खतरे में
देहरादून,  प्रदेश के सवा सौ लाख लोगों को स्वास्थ के क्षेत्र में आपातकालीन सेवाएं देने वाली 108 व खुशयिओं की सवारी आज मुख्यमंत्री जो स्वास्थ्य महकमे की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं के कारण आज खतरे में हैं और मुख्यमंत्री जानबूझ कर इस आने वाली समस्या से अनजान बने हुए हैं। यह आरोप आज उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्य कांत धस्माना ने कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में लगाया। उन्होंने कहा कि राज्य में पहले ही स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हो रखी हैं। सरकार सीएचसी व पीएचसी व जिला हस्पतालों का संचालन करने में पूरी तरह से नाकाम है,राजकीय मेडिकल कालेज श्रीनगर सरकार बार बार सैना को देने की बात कर के यह साबित कर रही है कि सरकार के बस की बात नहीं स्वास्थ सेवाओं का संचालन करना।
श्री धस्माना ने कहा कि पिछले 11 वर्षों से आपातकालीन 108 सेवा व खुशयिओं की सवारी का संचालन करने वाली कम्पनी से काम वापस ले कर मध्यप्रदेश की एक ऐसी कम्पनी जिसे आपातकालीन सेवाओं के संचालन का कोई तजुर्बा नहीं है को अब इन सेवाओं के संचालन का काम दे दिया गया है। श्री धस्माना ने आरोप लगाया कि यह कम्पनी एम पी के बीजेपी के एक नेता के संरक्षण में चलती है और इस कम्पनी ने 108 व खुशयिओं की सवारी में कार्यरत 717 कर्मियों को सेवा से हटाने का नोटिस दे दिया है। श्री धस्माना ने कहा कि ग्यारह ग्यारह सालों से इस कम्पनी में कार्य करने वाले कर्मचारियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है और सीएम कह रहे हैं कि यह हमारे कर्मचारी नहीं हैं , उन्होने कहा कि सभी 717 कर्मी उत्तराखंड मूल के हैं और सीएम का बयान बहुत निंदनीय है।श्री धस्माना ने कहा कि राज्य सरकार से प्रदेश कांग्रेस मांग करती है कि वह यह सुनिश्चित करे कि नई कम्पनी एक भी कर्मी की सेवा स्मसप्त नही करे व उनके वेतन भत्तों में किसी प्रकार की कटौती न कि जाए। श्री धस्माना ने कहा कि वे आज शाम आठ बजे राज्य के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह से इस विषय पर मिल रहे हैं। पत्रकार वार्ता में श्री धस्माना के साथ प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी व प्रेस सचिव महेश जोशी, लाखी राम बिजल्वाण उपस्थित रहे