विधायक सतपाल महाराज लापता हैं , किसी को मिले तो बता देना की उनकी तथकथित कर्मभूमि चौबट्टाखाल मूलभूत सुविधाओं के लिए तरसारही है यहाँ न मोबाइल सिग्नल, न परिवहन सुविधा, न स्वच्छता न ही विकास। सर्वसाधारण को सूचित किया जाता है कि मोदी के नाम पर चौकीदार बने सतपाल महाराज और सतपुली में झाडू लगाने वाले सतपाल रावत दोनों एक ही हैं और चौबट्टाखाल के विधायक हैं। चौबट्टाखाल से सतपाल महाराज वोट लेने के बाद से ही लापता हैं। और यहां उनकी तलाश चल रही है। चौबट्टाखाल तहसील कम स्कूल के सामने नेगी जी की चाय की दुकान पर बैठे मैंने उन्हें बहुत फोन लगाया कि- महाराज कहां हो ? यहां की जनता को आपके दर्शनों की अभिलाषा है। लेकिन ये कमबख्त मोबाइल, महाराज जी के जनता को किये वादों की तर्ज पर धोखा दे गया। चाय वाले नेगी जी से पूछा तो बोला, टावर ही गायब हैं। गुजरात के गधे की तर्ज पर मन करें तो एक -दो सिग्नल आ जाता है नही तो राम मंदिर की तर्ज पर आस लगाए बैठे रहो। चाय पीने से पहले मैं यहां मिठाई की दुकान कम स्नैक की दुकान पर गया और कोल्ड ड्रिंक मांगी तो वहां मौजूद महिला मालिक ने कहा, गरम ही मिलेगी। यहां घंटों बिजली गुल रही और मजबूरन मुझे कोल्ड ड्रिंक हाॅट ड्रिंक की तरह पीना पड़ा। सरकार कोई भी हो, अपने सतपाल महाराज आरजेडी के चौधरी चरण सिंह के बेटे अजित सिंह की तर्ज पर सत्ता के साथ हो जाते हैं। डबल एम उन्हें प्रिय है, यानी महाराज और मंत्री। मजेदार बात यह है कि विधानसभा का मुख्यालय होने के बावजूद यहां परिवहन, पार्किंग, सफाई रत्तीभर भी नहीं है। तहसील का काम सरकारी स्कूल में चल रहा है और स्कूल महज दो कमरों में चल रहा है। दो कमरों में 60 बच्चे हैं। ठूंस-ठूंस पर पढ़ाया जा रहा है। तहसील प्रशासन ने स्कूल के चार कमरों पर कब्जा कर लिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि तहसील भवन 2016 में बनना शुरू हुआ था और अब तक बीम ही खड़े हो पाएं हैं। हरीश रावत सरकार ने इसके लिए 50 लाख रुपये दिये थे और इसके बाद सतपाल महाराज एक रुपया नहीं दिला सके। खैर, बात उनके लापता होने की हो रही है।आम जनता को विधायक सतपाल महाराज की तलाश है। उनका कहना है कि यदि किसी को महराज जैसा मोटा-ताजा व्यक्ति कोई नजर आए तो तुरंत 100 नम्बर पर संपर्क करें और पुलिस से अनुरोध है कि हमारे ओजस्वी विधायक महाराज को चौबट्टाखाल ले आएं। खर्चा आम जनता भले ही न दें, लेकिन विकास कार्यों में कमीशन तो महाराज जी को ही मिलेगा। इसे अधिक से अधिक शेयर करें ताकि आम जनता को उसका खोया विधायक मिल सके। साभार – गुणानंद जखमोला जी की वाल से