अल्मोड़ा,जनपद के वरिष्ठ पत्रकार, चिंतक, प्रखर वक्ता और उत्तराखण्ड आन्दोलनकारी डा0 शमशेर सिंह बिष्ट का आज काफी लम्बी बीमारी के बाद प्रातः 4ः00 बजे निधन हो गया। स्व0 डा0 बिष्ट ने अपने जीवन काल में अनेक आन्दोलनों में बढ़-चढ़कर भाग लिया जिनमें से विश्वविद्यालय आन्दोलन, नशा, रोजगार दो आन्दोलन, चिपको आन्दोलन, नदी बचाओ आन्दोलन सहित अनेक सामाजिक आन्दोलन में भागीदारी की। उन्होंने नशा नहीं रोजगार दो आन्दोलन के दौरान 40 दिन तक जेल में रहे, जंगलों की नीलामी के खिलाफ 27 नम्वम्र, 1977 को नैनीताल में हुये प्रदर्शन में भी वह आगे रहे। उन्होंने सर्वदलीय संघर्ष समिति के बैनर तले सभी ताकतों को एक मंच पर एकत्रित करने का काम भी किया।
स्व0 डा0 बिष्ट का जन्म 04 फरवरी, 1947 को अल्मोड़ा में स्व0 गोविन्द सिंह बिष्ट के घर में हुआ था मूलतः यह विकास खण्ड स्याल्दे के मटेला गांव के निवासी थे। स्व0 बिष्ट के 03 बडे भाई हर सिंह बिष्ट, मोहन सिंह बिष्ट एवं चन्दन सिंह बिष्ट थे जिनकी मृत्यु हो चुकी है और एक बहन उमा देवी की भी मृत्यु हो चुकी है एक बहन माधवी मेहता अभी जीवित है। स्व0 बिष्ट अपने पीछे धर्मपत्नी रेवती बिष्ट व दो पुत्र जयमित्र बिष्ट एवं अजय बिष्ट व पुत्र वधू इन्दु बिष्ट व अदिति बिष्ट एवं पौत्र को छोड़ गये है।
डा0 स्व0 बिष्ट ने असामायिक निधन पर आज जिला कार्यालय अल्मोड़ा में एक शोक सभा आयोजन किया गया । जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने विश्व नाथ घाट जाकर उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित किये और शोक व्यक्त करते हुये उनके परिवार को इस दुख की घड़ी में ईश्वर से शक्ति प्रदान करने की कामना की है। प्रदेश के मा0 मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, केन्द्रीय कपड़ा राज्य मंत्री अजय टम्टा, राज्य सभा सांसद प्रदीप टम्टा, महिला विकास राज्य मंत्री रेखा आर्या, विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चैहान, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविन्द सिंह कुंजवाल, विधायक सल्ट सुरेन्द सिंह जीना,द्वाराहाट महेश नेगी, रानीखेत करन महरा, जिला पंचायत अध्यक्ष पार्वती महरा सहित चयनित जनप्रतिनिधियों व पूर्व जनप्रतिनिधियों ने शोक व्यक्त किया है।