देहरादून, 18 दिसम्बर: उक्रांद महिला प्रकोष्ठ की केंद्रीय अध्यक्ष प्रमिला रावत ने कुछ राजनीतिक दलों पर महिलाओं की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि राजनीतिक दल महिलाओं के सशक्तिकरण के दावे तो करते हैं, लेकिन यह दावे हवाई साबित होते हैं। उत्तराँचल प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की महिलाएं किसी चीज की भूखी नहीं है, उन्हें सम्मान के अतिरिक्त कुछ नहीं चाहिए। कुछ राजनीतिक दल महिलाओं को मुफ्त बिजली, पानी, रसोई गैस मुफ्त देने की बात कर रहे हैं, ऐसे दलों को पता होना चाहिए कि राज्य की महिलाएं त्याग और बलिदान की प्रतीक है, उन्हें वोट के लिए ऐसे नहीं लुभाया जा सकता। कहा कि उक्रांद ही महिलाओं की पीड़ा समझ सकती है और उन्हें सशक्त बना सकती है। इस दौरान पूजा प्रिशाली समेत कई महिलाओं ने दल की सदस्य ली।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य महिलाओं के कुर्बानी और शहादतों बदौलत प्राप्त हुआ है, लेकिन राज्य के बने इन 21 वर्षाे में राज्य में महिलाओं का शोषण हुआ है, अभी तक की सरकारें महिलाओं के उत्थान के लिए केवल घोषणाओं और कागजी योजनाओं तक सिमित रही। उक्रांद महिला के केंद्रीय अध्यक्ष प्रमिला रावत ने कहा कि महिलाओं के अधिकार के लिए उक्रांद सजग है, साथ ही मांग को है कि महिला बिल को केंद्र सरकार पास करे व महिलाओं को राजनितिक भागीदारी में 50 प्रतिशत आरक्षण दिया जाय द्य आगामी विधानसभा चुनाव में महिलाओं को बड़ी भागीदारी रहेगी, राज्य के 21साल को बदहाली के लिए राष्ट्रीय दलों और दिल्ली वाली पार्टी को मुहतोड़ जबाब देगी। ’आज इसी परिपेक्ष में समाजसेवी महिला पूजा प्रिशाली अपने साथियों के साथ उत्तराखंड क्रांति दल में शामिल हुई। विदित है कि पूजा प्रिशाली आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता नवीन पिरशाली कि पत्नी हैं। इस अवसर पर प्रेस को सम्बोधित करते हुए पूजा पिरशाली ने कहा कि भले स्वम एक राजनैतिक दल से मेरा परिवार जुड़ा हैं, लेकिन वह दल महिलाओं के शोषण व दिल्ली फार्मूला को उत्तराखंड में लागू करने कि कोरी घोषणायें है। इस अवसर पर स्वाति सिरोही, कल्पना क्षेत्री, सरस्वती गुरुंग, सरिता कंडारी विवेक पुंडीर, रमेश, शशिकांत वेदवाल शामिल हुई। प्रेस वार्ता में सुनील ध्यानी, दीपक गैरोला,समीर मुंडेपी, सोमेश बुढ़ाकोटी,शिव प्रसाद सेमवाल, मीनाक्षी घिल्डियाल, सुलोचना इष्टवाल, अनिल डोभाल आदि थे।