देहरादून, उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी कर्मचारी कल्याण परिषद की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक शहीद स्मारक पर आयोजित की गई बैठक की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष यशवंत रावत द्वारा की गई बैठक में अध्यक्ष द्वारा दिए गए एजेंडे गिरने विस्तार से चर्चा की गई सभी राज्य आन्दोलनकारियों ने सरकार से एक स्वर में मांग की, कि वह आंदोलनकारियों के हित के लिए ठोस कदम उठाएं अगर किसी भी राज्य आंदोलनकारी के साथ किसी प्रकार की भी अनहोनी होती है तो उसकी पूर्ण जिम्मेदारी सरकार की होगी और इसका खामियाजा सरकार को भुगतना होगा,
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भानु रावत ने कहा कि सरकार को माननीय उच्च न्यायलय में आंदोलनकारियों के प्रकरण में ठोस पैरवी करनी कहिये थी मगर उनके ढुल-मुल वकीलों की कमजोर पैरवी का खामियाजा हमें भुगतना पद रहा है . वीरेंद्र रावत बीरी ने कहा अन्दोलान्करी कर्मचारियों के रोजगार को सुरक्षित रखने के लिए जब माननीय न्यायालय में प्रकरण लंबित है तब सरकार को एक अध्यादेश लाना चाहिए जैसा कि उन्होंने मलिन बस्ती एवं अन्य मामलों पूर्व में किया.
राज्य आन्दोलनकारी साथी अम्बुज शर्मा ने अवगत करते हुए कहा कि वह व नौकरी से हटाये गए क्रांति कुकरेती के साथ दिनांक 0 7 मार्च 2018 के बाद से लगातार इस मामले की गंभीरता व समाधान के साथ मुख्यमंत्री से मिलने का प्रयास कर रहे थे मगर दुर्भाग्य से साढ़े चार साल तक मु.म. त्रिवेंद्र रावत ने कभी समय ही नहीं दिया उसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह से मिल कर को पूरे प्रकरण को विस्तार से अवगत कराकर, समाधान के साथ आवेदन भी प्रस्तुत कर किया था जिस पर उन्होंने 28 जून 21 को अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को निर्देशित करते हुए यथाशीघ्र मामले का निस्तारण करने को कहा था मगर जब तक मामले का निस्तारण होता उससे पहले ही उनकी कार्मिक विभाग से विदाई हो गई और उनकी जगह पर अरविन्द सिंह ह्याकी की नियुक्ति हो गई .
इस बीच 28 जून 21 का वह आवेदन पत्र कार्मिक विभाग से न्याय में पहुँच गया जिस पर न्याय विभाग का कहना था कि चूँकि इस मामले में उच्च न्यायलय अपना फेसला दे चुका है ऐसे में इसमें गजट नोटिफिकेशन निकलना कोर्ट की अवमानना होगा . जबकि कोर्ट अपने फैसले में यह भी कह चुका है कि अगर सरकार को आन्दोलनकारियों को नौकरी देना चाहती है तो वह कानून बना कर नियमानुसार कार्यवाही करे जिसके बाद तत्कालीन सरकार के मुखिया हरीश रावत ने एक एक्ट बना कर राज्यपाल की संस्तुति की लिए भेजा था जो आज ६ साल बाद भी राजभवन से बाहर नहीं निकला . इस मामले की सुनवाई के दौरान सरकार लगभग 1400 कर्मचारियों की नियुक्ति का शपथ पत्र माननीय उच्च न्यायालय में जमा करवा चुकी है ऐसे में 27 जुलाई 21 को ह्वांकी जी द्वारा भेजे गये इस पत्र से तो निस्तारण की उम्मीद कम ही दिख रही है. अब ऐसे में नये नवेले मुख्यमंत्री धामी मामले की गंभीरता समझते हुए अगर खुद संज्ञान लेते हैं तो उम्मीद की जा सकती है अन्यथा तो सचिवालय में बैठे कर्णधार इस मामले की भी जलेबी बनाने में कोई कसर नहीं रखेंगे.
नई कार्यकारणी के गठन पर आयोजित बैठक में फिलहाल सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि वर्तमान प्रदेश कार्यकारिणी का कार्यकाल फिलहाल छह माह के लिए बढ़ाया जाए और समस्त कर्मचारियों को आहूत 8 अगस्त के मुख्य मंत्री आवास कूच के लिए जोर-शोर से तेयारी करनी चाहिए . आन्दोलनकारी मंच अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी ने सभी साथियों से आह्वान किया कि फ़िलहाल सभी आन्दोलनकारी साथी अपने आपसी मतभेद भुला कर 8 अगस्त के कूच पर ध्यान केन्द्रित करें उन्होंने कहा कि अगर उनका कार्यकर्म सफल रहा तो सरकार को भी उनकी बातों पर गौर करना पड़ेगा.
8 अगस्त के मुख्यमंत्री आवास कूच को अपना समर्थन देने पहुंचे डीएवी कालेज के पूर्व अध्यक्ष व राज्य आन्दोलनकारी साथी वीरेंद्र पोखरियाल ने कहा की आज हम सभी को जरूरत है एक होने की हमारे हम सबको अपने अपने मतभेद भुलाकर 8 तारीख के मुख्यमंत्री आवास कूच को सफल बनाना है इसके लिए सभी लोगों को अपने विभागों में जाकर लोगों को जागृत करना पड़ेगा.
आईटीआई से आये रविंद्र सोलंकी ने कहा कि प्रत्येक विभाग से जुड़े लोगों को संयोजक नामित किया जाए जो अपने-अपने विभागों के कर्मचारियों की सूची तैयार कर प्रदेश अध्यक्ष को उपलब्ध कराएं. तो वहीँ केशव उनियाल द्वारा कर्मचारी कल्याण परिषद/मंच को आत्ममंथन कर वर्तमान परिस्थिति के लिए अपनी गलती को भी स्वीकार करना चाहिए . उन्होंने कहा कि कोर्ट कोई सरकार नहीं गई हमारे ही साथी हैं जिनसे हमने कभी भी संवाद करने की कोशिश ही नहीं करी . वह लोग 2011 से आन्दोलनकारी कोटे से परीक्षा पास कर इतने सालों से नियुक्ति के इन्तजार में बैठे हैं.हम लोगों को उनके बारे में भी सोचना चाहिए .
कार्यक्रम के अंत में कोषाध्यक्ष श्री ललित जोशी ने परिषद के पास उपलब्ध धनराशी की जानकारी देते हुए माननीय उच्चम न्यायालय में ठोस पैरवी के लिए सभी कर्मचारियों से आर्थिक सहयोग देने का अनुरोध किया है .कार्यक्रम का संचालन महामंत्री जीतमणि पेन्यूली द्वारा किया गया . सभा के अंत में कोरोना से असमय मृत्यु को प्राप्त हुए परिषद् के उपाध्यक्ष संदीप चमोला को एक मिनट का मौन रख श्रधांजलि दी गई.
बैठक में कर्मचारी कल्याण परिषद देव नौटियाल, कमल गुसाईं, मनमोहन सिंह नेगी, संजय तिवारी,गणेश डगवाल, पूर्ण सिंह राणा, शिव प्रसाद व्यास, अमित शर्मा, समरवीर बिष्ट, धर्मवीर बिष्ट, अनुज जैन, धर्म पाल सिंह रावत, बृज मोहन जोशी, सुमन सिंह, यशवीर बिष्ट, भूपेंद्र भंडारी, विनोद डांडिया, बृजेश कुमार, ध्यान सिंह बिष्ट, मनोज नौटियाल, गिरीश चंद्र, दिनेश बिष्ट, रामभरोसे आदि लोग उपस्थित थे