ऊर्जा प्रदेश में जनता को लूटा जा रहा दोनों हाथों से
विकासनगर, जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि यूपीसीएल की लापरवाही एवं अधिकारियों की मिलीभगत के चलते प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को विद्युत वितरण हानियां तथा ए.टी. एंड सी. हानियों का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। उक्त के अतिरिक्त यूपीसीएल के एक तरह से स्वायत्तशासी (ऑटोनॉमस बॉडी) होने का लाभ अधिकारी उठा रहे हैं तथा सरकारी नियंत्रण न के बराबर होने के बराबर होना भी बहुत कारण है।
नेगी ने कहा कि बिजली महंगी होने का मुख्य कारण वितरण हानियां एवं ए.टी.एंड सी. हानियां हैं, जोकि वर्ष 2018-19 में 14.32 फीसदी तथा 2019- 20 में 13.40 फीसदी थी तथा इसी प्रकार ए.टी. एंड सी. हानियां वर्ष 2018-19 में 16.52 फीसदी तथा 2019- 20 में 20.44 फीसदी थी यानी कुल मिलाकर 30-35 फीसदी लॉसेस (हानियों) की वजह से विभाग बिजली के दामों में बढ़ोतरी कर देता है। नेगी ने कहा कि अधिकारियों एवं बिचैलियों की सांठगांठ के चलते मांग के सापेक्ष अत्याधिक बिजली खरीदने में भी भारी खेल होता है। नेगी ने कहा कि अगर आंकड़ों की बात की जाय तो वर्ष 2018-19 में सरकार द्वारा 14083.69 मिलियन यूनिट्स खरीदी गई, जबकि उसके सापेक्ष 12295.20 मिलियन यूनिट्स बेची गई तथा इसी प्रकार वर्ष 2019-20 में 14139. 31एमयू खरीदी गई एवं उसके सापेक्ष 12538.65 एमयू बेची गई। मोर्चा सरकार से मांग करता है कि इन विद्युत लॉसेस (हानियों) को रोकने हेतु यूपीसीएल पर चाबुक चलाए, जिससे आम उपभोक्ता को सस्ती बिजली मिल सकें। पत्रकार वार्ता में विजय राम शर्मा, नारायण सिंह चैहान, कल्पना बिष्ट, अमित जैन आदि उपस्थित रहे।