देहरादून, 08 सितम्बर को उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारीयों द्वारा शहीद स्मारक पर बैठक आहूत क़ी गई. बैठक का उद्देश्य गत 01 व 02- सितम्बर खटीमा/मसूरी क़ी शहादत पर श्रद्धांजली अर्पित करते हुए माननीय मुख्यमन्त्री द्वारा क़ी गई घोषणा पर समीक्षा एवं आगे क़ी रणनीति पर मन्थन करना था।
सभी ने एक कमेटी का गठन कर चिन्हीकरण शुरू किये जाने क़ी मांग क़ी. साथ ही उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि अन्य मांगों के साथ ही 10% के एक्ट पर भी चुप्पी साधे हुए है . उसे तत्काल राज्यपाल के हस्ताक्षर करवाए अन्यथा इससे सरकार क़ी मंशा पर सवाल खड़ा हो रहा है।
कोटद्वार से आये वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी महेन्द्र रावत ने कहा कि बहुत जल्द ही 10% आन्दोलनकारी कोटे से नौकरी कर रहे या सीधी भर्ती से नौकरी पर लगे लोगों को बाहर करने की कार्यवाही शुरू होने वाली है उन्होंने कहा कि संसदीय कार्यमंत्री बंशीधर भगत ने जिस प्रकार सदन में जवाब देकर राज्य आन्दोलनकारियों को तो गुमराह किया ही है साथ ही प्रदेश क़ी जनता को भी गुमराह कर सरकार क़ी किरकिरी कराने का काम किया।
विक्रम भण्डारी के साथ उक्रांद नेता शिव प्रसाद सेमवाल ने संयुक्त बयान में कहा कि सरकार ने पूरा समय निकाल दिया और अब मात्र तीन माह का समय बचा है उसे भी केवल घोषणा तक सीमित कर भटकाने का काम कर रही है।
बीना बहुगुणा व शकुन्तला रावत ने कहा कि इस सरकार के 05-वर्ष पूर्ण होने को है लेकिन अभी तक आन्दोलनकारियों के लिए कुछ भी नही किया, एक समान पेंशन पूर्ण करने कई मांग अधूरी पड़ी है। ये मातृ शक्ति का अपमान है यदि ऐसा ही रहा तो हमें पुनः सड़को पर आने को विवश होना पड़ेगा।
बैठक में सभी के विचारों पर मनन करने के बाद जगमोहन सिंह व धीरेन्द्र प्रताप ने सामूहिक बयान में कहा कि सरकार ने खटीमा में घोषणा करने के बावजूद आज तक कोई शासनादेश जारी नही किया और न ही सम्मान परिषद का गठन किया जो राज्य आन्दोलनकारियों के मुद्दे पर एक सेतु का कार्य करता है।
बैठक के अन्त में दिनांक 11-सितम्बर को गाँधी पार्क में सुबह 11-बजे राज्य आन्दोलनकारियों के चिन्हीकरण हेतु शासनादेश जारी करने ,जिला स्तरीय कमेटी बनाने व सम्मान परिषद का गठन करने के साथ 10% के एक्ट को तत्काल राजभवन से जारी कराने व एक समान पेंशन क़ी मांग को लेकर धरना दिया जायेगा ।
बैठक के अंत में वहां मौजूद आन्दोलनकारियों हिमालय बचाओ अभियान के साथ जुड़ते हुए प्रतिज्ञा भी ली . आज की बैठक में प्रमुख रूप से पुष्पलता सिल्माणा, सुलोचना भट्ट, राधा तिवारी, उर्मिला शर्मा, लक्ष्मी बिष्ट, सरोज रावत, देवेश्वरी रावत, शकुन्तला रावत, बीना बहुगुणा, सुलोचना गुंसाई, सुशीला अमोली, हेमलता, विशेस्वरी रावत, पुष्पा खत्री, कमला जायसवाल, निर्मला बर्थवाल, मनोरमा कोट्नाला, महेश्वरी कंडारी, मंजू भट्ट,जयदीप सकलानी, हरजिंदर सिंह, महेन्द्र रावत, डी एस गुंसाई, वेद प्रकाश शर्मा, प्रदीप कुकरेती, विक्रम भण्डारी, विकास रावत, प्रेम सिंह नेगी, विनोद असवाल, जगमोहन सिंह नेगी, अम्बुज शर्मा,रामलाल खंडूड़ी, सुरेश नेगी,रुपम पोखरियाल, युद्धवीर चौहान, पूरण सिंह लिंगवाल, शिव प्रसाद सेमवाल, बलबीर सिंह नेगी, सुरेश कुमार, गम्भीर मेवाड़, महेश जोशी, संजय बहुगुणा ,जबर सिंह पावेल, घिल्डियाल, अनुराग भट्ट, प्रभात डण्डरियाल, जगदीश कुकरेती, सुशील विरमानी, राजेश पान्थरी, मोहन सिंह खत्री, दिवाकर उनियाल, अतुल भट्ट, बृजेश सिलोडी, नरेन्द्र नौटियाल, पुरुषोत्तम सेमवाल, प्रमोद मन्दरवाल, प्रताप रावत, विशम्भर दत्त डोभाल, धीरेन्द्र प्रताप आदि मौजूद रहे।