अनेकों उतार चढ़ाव औऱ मनमुटाव के बीच में अपनी जिजिविषा को को मजबूत रखते हुए “उत्तराखंड पत्रकार संयुक्त संघर्ष मोर्चा” आखिरकार सरकार को घुटनों पर ला ही दिया । पिछले आठ दिनों से चल रहे आंदोलन के दौरान कई दौर ऐसे आये, जब लगा कि ये आन्दोलन अब ख़त्म। जैसे ही कोई महत्वपूर्ण निर्णय लिया नहीं कि कोई मुँह फुला के चल दिया। लेकिन वो कहावत कि इरादे नेक हो तो मंजिल खुद चल के आती है और ऐसा ही कुछ यहाँ भी देखने को मिला। वैसे तो ये पूरा आंदोलन संयुक्त रूप से लड़ा गया फिर भी शांतचित्त स्वभाव के साथी शिव प्रसाद सेमवाल ने बीच बीच में अपने उग्र रूप के साथ सभी साथियों की हौसलाअफजाई कर संघर्ष की आग को धीमा नहीं होने दिया। नतीजा आज आखिरकार सरकार बैकफुट में चली गई और सूचना विभाग के माध्यम से पत्रकारों की सभी मांगों को मानने का ऐलान कर दिया। बीती 1 अगस्त में पत्रकारों ने देहरादून के ही गांधी पार्क से लेकर घंटाघर तक मशाल जुलूस भी निकाला कर सरकार को आंदोलन की तपिश का अहसास दिलाया औऱ 2 अगस्त को आन्दोलन को धार तेज कर पत्रकारों ने आमरण अनशन भी शुरू कर दिया था। वरिष्ठ पत्रकार संजीव पंत आज सुबह आमरण अनशन पर तथा उनके साथ वरिष्ठ पत्रकार जीतमणि पैन्यूली क्रमिक अनशन तथा मौन व्रत पर बैठ गए। हालांकि पत्रकार-आन्दोलन की गूंंज उत्तराखंड के सभी जिलों के साथ ही दिल्ली दरबार तक पहुंच चुकी है। इसके बाद तो आनन-फानन में ज्ञापन में दी गई मांगों पर वर्कआउट शुरू कर दिया गया औऱ लगभग 1ः30 बजे उत्तराखंड सूचना एवं लोक संपर्क विभाग के संयुक्त निदेशक अनिल चंदोला तथा अपर निदेशक राजेश कुमार धरना स्थल पर आए तथा संयुक्त संघर्ष मोर्चा के पत्रकारों को आश्वस्त किया तथा डॉक्टर अनिल चंदोला ने ज्ञापन में लिखी प्रत्येक मांग पत्रकारों के सामने पढ़कर सुनाते हुए अपनी सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि इनमें से अधिकांश पर आज सुबह से ही कार्यवाही भी शुरू कर दी गई है। डॉ अनिल चंदोला ने सबसे पहले अमर शहीद श्रीदेव सुमन की जयंती के अवसर पर श्रद्धांजलि व्यक्त करने वाला विज्ञापन स्थानीय अखबारों को न दिए जाने पर खेद व्यक्त किया और इसे एक चूक मानते हुए इसकी प्रतिपूर्ति शीघ्र कराने का आश्वासन दिया। साथ ही आश्वस्त किया कि पत्रकारों के सम्मान से कोई समझौता नहीं किया जाएगा तथा पत्रकारों को विश्वास में लिए बिना नियमावली में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। जनता ने कहा कि नई नियमावली को फिलहाल रोक दिया गया है। डॉक्टर अनिल चंदोला ने बताया कि न्यूज़ पोर्टल के एंपैनलमेंट की कार्यवाही तत्काल प्रभाव से शुरू कर दी गई है, तथा आज ही एंपैनलमेंट के लिए अखबारों में विज्ञापन दिए जा रहे हैं। इसके अलावा डॉ. अनिल चंदोला ने बताया कि वेब पोर्टल के पत्रकारों को भी मान्यता की दायरे में लाने के लिए फाइल चला दी गई है। साथ ही श्री चंदोला ने जानकारी दी कि कल ही पत्रकारों के लंबित पेंशन प्रकरणों और कल्याण योजनाओं पर कार्यवाही शुरू कर दी गई है। इसके अलावा डॉक्टर चंदोला ने सहमति व्यक्त की कि गूगल को कोई ऐड नहीं दिए जायेगा,केवल वेब पोर्टल को ही विज्ञापन जारी किए जाएंगे। डॉ अनिल चंदोला ने कहा कि सभी मांगो पर कार्यवाही शुरू कर दी गई है तथा एक माह के अंदर अंदर सभी मांगें मूर्त रूप धारण कर लेगी। मोर्चा के साथियों ने सोचा भी नही था कि सरकार इतनी आसानी से उनकी मांगे मान लेगी लेकिन उनकी एकजुटता के आगे सरकार ने एक हफ्ते में ही घुटने टेक दिए।मांगे मान लिए जाने पर सभी पत्रकारों ने खुशी जताई और सूचना विभाग के अधिकारियों का आभार व्यक्त कर चेतावनी भी दी कि उनके द्वारा माह बाद इन मांगों पर हुए कार्यों का विश्लेषण किया जाएगा और उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।