वर्क फ्रॉम होम

कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को मद्देनजर रखते हुए इन दिनों अधिकांश कंपनियां अपने एम्प्लाईज को वर्क फ्रॉम होम यानि की घर से काम करने की सुविधा उपलब्ध करा रही है। लेकिन इसी बीच एक ऐसी खबर आयी जो खासकर वर्क फ्रॉम होम करने वालों के लिये हैं। बता दें घर से काम करने वाले लोगों को साल 2020-21 में ज़्यादा इनकम टैक्स चुकाना पड़ सकता।

वर्क फ्रॉम होम के चलते प्राइवेट कंपनियों में काम करने वाले एम्प्लाईज को कई मदों में टैक्स डिडक्शन का लाभ नहीं मिल पाएगा। इसके चलते एम्प्लाईज को 10 से 60 प्रतिशत तक ज़्यादा टैक्स चुकाना पड़ सकता है। बता दें वर्क फ्रॉम होम के चलते प्राइवेट कंपनियों में काम करने वाले एम्प्लाईज पर साल के अंत में ज्यादा इनकम टैक्स की मार पड़ सकती है। इसकी सबसे बड़ी वजह है कर्मचारियों को प्राइवेट कंपनियां उनकी CTC में जो अलग-अलग तरह के Allowance देती हैं वह वर्क फ्रॉम होम के चलते नहीं मिल पाएंगे। इसके चलते अब साल के अंत में employee को इनकम टैक्स में मिलने वाली छूट कम हो जाएगी। इसकी वजह से उन्हें अतिरिक्त इनकम टैक्स चुकाना पड़ेगा। वर्क फ्रॉम होम के चलते बहुत से employee LTA, मील कूपन, HRA आदि का क्लेम नहीं कर पाएंगे। इस वजह से साल के अंत में उनकी टैक्सेबल इनकम ज़्यादा होगी। ऐसे में उन्हें घाटा सहना पड़ सकता है। वर्क फ्रॉम होम के चलते जहां बहुत से employee का खर्च कुछ कम हुआ है तो वहीं कुछ employee की salary भी कम हुई हैं। अधिकांश प्राइवेट कंपनियों ने अपने employee की salary में से 20 से लेकर 50 प्रतिशत तक की कटौती की है। वहीं दूसरी ओर कंपनियों की ओर से कुछ allowance न मिलने की वजह से employee पर दोहरी मार इनकम टैक्स की भी पड़ सकती है। कोरोना काल के इस संकट में ऐसे कर्मचारियों के लिए समस्या खड़ी हो सकती है।

 

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