देहरादून, 27 जून: सूचना आयोग के मार्फ़त उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन पर मिली गड़बड़ी सामने आने पर उच्च शिक्षामंत्री धन सिंह रावत भी हरकत में आये और उन्होंने भी पूरे मामले को गंभीरता से लिया। उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलपति को इस मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। उन्होंने उत्तर पुस्तिकाओं का गलत मूल्यांकन करने वाले परीक्षकों को 10 साल के लिए डीबार्ड करने के सख्त निर्देश दिए हैं, साथ ही उच्च शिक्षा मंत्री ने कुलपति को विश्वविद्यालय में स्थाई परीक्षा नियंत्रक की नियुक्ति के लिए भी कहा है।
मूल्यांकन में गड़बड़ी एक बड़ी चूक
उच्च शिक्षा मंत्री ने श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय में परीक्षा मूल्यांकन में गड़बड़ी को एक बड़ी चूक बताया। उन्होंने प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति को जांच के निर्देश दे दिए हैं। जांच के बाद जो भी पहलू सामने आएंगे उसके आधार पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में लापरवाही बरतने वालों परीक्षकों के खिलाफ भी कार्रवाई के निर्देश दे दिए गए हैं जिससे भविष्य में ऐसी पुनरावृत्ति ना हो सके ।
क्या था यह मामला
पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में लगातार मिल रही गड़बड़ी की शिकायतों और राज्य लोक सूचना आयुक्त योगेश भट्ट की फटकार के बाद बाद बुधवार को श्रीदेव सुमन विवि के कुलपति प्रो. एनके जोशी सख्त हो गए। वैसे तो विवि के परीक्षा नियंत्रक प्रो. वीपी श्रीवास्तव ने बीते 22 जून को विवि के कुलपति को अपना इस्तीफा सौंप दिया था, लेकिन विवि की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन संबंधी कार्य के चलते उन्हें कार्यमुक्त नहीं किया गया था।
अब राज्य लोक सूचना आयुक्त योगेश भट्ट के आदेशों के बाद कुलपति प्रो. एनके जोशी ने गलत जवाब पर भी खटाखट नंबर देने का मामले में परीक्षा नियंत्रक को दोषी मानते हुए कार्यमुक्त कर दिया तो वहीं लोक सूचना अधिकारी को भी बदल दिया।
अब शिक्षकों का होगा सत्यापन
कुलपति ने यह भी बताया कि माननीय मंत्री के निर्देश दिये हैं कि एजुकेशन क्वालिटी से कोई भी समझौता न करते हुऐ विश्विद्यालय से संबद्ध सभी निजी शिक्षण संस्थानों में कार्यरत सभी फैकेल्टी का फिजिकल वेरीफिकेशन करवाया जाये, जिससे यह पता चल सके कि निजी शिक्षण संस्थानों में तैनात फैकेल्टी यूजीसी व विश्वविद्यालय के मानकों के अनुरूप नियुक्त की गई है या नहीं। जिन संस्थानों में यूजीसी के मानकों के अनुरूप फेकल्टी नहीं पाई जायेगी, उन संस्थानों की मान्यता मानक पूर्ण होने तक निलंबित रहेगी। इस मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन ने उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन कर सभी संबंधित निजी संस्थानो की जांच के निर्देश दे दिए हैं।
प्रो. चतर सिंह नेगी बने नए परीक्षा नियंत्रक
प्रो.वीपी श्रीवास्तव की जगह विवि के ऋषिकेश परिसर के वाणिज्य संकाय के प्रो.चतर सिंह नेगी को अग्रिम आदेशों तक विश्वविद्यालय का परीक्षा नियंत्रक की जिम्मेदारी सौंपी गई है।