डीएम मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि केदारनाथ में 300 टेंट लगाए गए हैं, जिनमें तीन हजार यात्री ठहर सकते हैं। तीन हजार यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था पूर्व से ही उपलब्ध है। इनमें से दो हजार यात्री तीर्थपुरोहितों के पक्के भवनों और एक हजार गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) के अतिथि गृह में ठहराए जाते हैं। उन्होंने बताया कि स्थानीय युवाओं को 250 टेंट लगाने की अनुमति दी गई है। प्रत्येक टेंट में दस यात्री ठहर सकते हैं। इसके अलावा जीएमवीएन भी टेंट लगा रहा है। डीएम ने बताया कि धाम के लिए घोड़ा-खच्चरों की आवाजाही नियमित हो रही है और सौ क्विंटल लकड़ी वहां पहुंचा दी गई है। इस बार ठंड अधिक होने के कारण दस स्थानों पर अलाव जलाए जाएंगे। बीएसएनएल व अन्य निजी कंपनियों ने भी अपनी सेवाएं शुरू कर दी हैं। साथ ही दवाइयों का भी पर्याप्त इंतजाम है
रुद्रप्रयाग, केदारपुरी देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की आगवानी को तैयार है। पर्याप्त मात्रा में राशन केदारपुरी पहुंचा दिया गया है और यात्रियों के रहने की भी धाम में समुचित व्यवस्था है। विद्युत, पेयजल व संचार सेवा बहाल करने के साथ ही पैदल मार्ग पर घोड़ा-खच्चरों की आवाजाही भी सुचारु हो गई है। धाम के कपाट नौ मई को खोले जाने हैं।
केदारनाथ पैदल मार्ग पर हिमस्खलन का खतरा
केदारनाथ पैदल मार्ग के चार स्थानों पर 20 फीट से अधिक बर्फ काटी गई है। इन स्थानों पर पहाड़ी से हिमस्खलन का खतरा है, लिहाजा यहां सुरक्षा की व्यवस्था की गई है। भैरवनाथ मंदिर के रास्ते से भी बर्फ हटा दी गई है। बताया जा रहा है कि कपाट खुलने वाले दिन बड़ी संख्या में यात्रियों के केदारनाथ पहुंचने की संभावना है। इसलिए लिनचोली में भी यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था की गई है।
डीएम ने बताया कि सिक्स सिग्मा हाई एल्टीट्यूट मेडिकल सर्विस की 15-सदस्यीय टीम को डीएम मंगेश घिल्डियाल ने झंडी दिखाकर केदारनाथ के लिए रवाना किया। यह टीम वहां ढाई महीने सेवाएं देगी। सिक्स सिग्मा की तीन एंबुलेंस गौरीकुंड व सोनप्रयाग में उपलब्ध रहेंगी। सिक्स सिग्मा के डायरेक्टर डॉ. प्रदीप भारद्वाज ने बताया कि टीम में छह कार्डियोलॉजिस्ट हैं, क्योंकि यहां सबसे ज्यादा हार्ट संबंधी दिक्कतें आती हैं। डीएम ने बताया कि गंभीर बीमार को तत्काल एम्म ऋषिकेश रेफर किया जाएगा, इसके लिए ऋषिकेश एम्स से एमओयू साइन हो गया है। इसके अलावा वेदांता अस्पताल नोएडा भी मरीजों को रेफर किया जाएगा।