देहरादून, तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हरबर्टपुर में आयोजित किसान महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चैधरी राकेश टिकैत केंद्र सरकार पर जमकर बरसे। कहा कि केंद्र सरकार ने तीन कृषि कानूनों को बनाकर किसानों को बर्बाद करने का काम किया है। कहा तीनों कृषि कानून लागू कर दिए गये तो देश का किसानों के खेतों पर बड़े पूंजीपतियों व उद्योगपतियों का कब्जा होगा और किसान उनके कारखानों में मजदूर होगा। कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहा किसान आंदोलन अभी तो शुरुआत है।
यह आंदोलन लंबा चलेगा। कहा कि वर्ष 2021 किसानों और आम जनता के लिए सोने का साल नहीं है। बल्कि लड़ने का साल है। कहा कि सभी को एकजुट होकर किसान व जनविरोधी सरकार के खिलाफ लड़ना होगा। हरबर्टपुर में बस अड्डे मैदान पर आयोजित किसान महापंचायत में उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश से लेकर यूपी से हजारों की संख्या में किसानों की भीड़ उमड़ पड़ी। महापंचायत में पहुंचे भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का भव्य स्वागत किया गया। इस मौके पर संबोधित करते हुए भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा केंद्र सरकार आज पूरे देश को बेचने पर आमादा है। रेलवे स्टेशन से लेकर पूरे रेलवे को बेचने की तैयारी है।
कहा कि 2022 तक रेलवे से चार लाख कर्मचारियों को समय से पहले नौकरी से निकाल दिया जायेगा। निजीकरण के नाम पर एयर पोर्ट से लेकर, बीएसएनल आदि करीब 26 बड़े संस्थानों को बेचने की तैयारी केंद्र सरकार ने पूरी कर दी है। कहा कि केंद्र सरकार ने जो तीन कृषि कानून बनाये हैं उन कानूनों को लागू कर कृषि खेती को समाप्त करने के प्रावधान किये गये हैं। कहा कि देश में श्रम कानून पूरी तरह से बदल दिए गये हैं। इन कानूनों को बदल ठेका प्रथा को बढावा देने का एक पूरा प्लान बनाया गया है। जिसमें पहले किसानों की खेती समाप्त कर उस पर पूजीपतियों व बड़े उद्योग घरानों का कब्जा कराना है। उसके बाद किसानों को पूरी तरह से बर्बाद कर उन्हे मजदूर बनाना है जो उद्योगपतियों के कारखानों में न्यूनतम वेतन पर मजदूरी करेंगे। कहा कि देश किसान और आम आदमी आज जागेगा नहीं तो किसान कल गुलाम होगा। कहा कि देश में कॉट्रेक्ट फर्म आ रही है। किसानों की जमीन को ये फर्म कॉट्रेक्ट पर लेकर उनको बर्बाद कर देंगे। कहा कि हिमाचल में सेब की खेती को बर्बाद करके रख दिया गया है। अब पूरे देश में खेती को बर्बाद करने की योजना है। इसलिए सभी लोग एकजुट होकर किसानों की लंबी लड़ाई में उसका साथ देंगे तो जीत किसानों की होगी। विकासनगर में चल रहे किसानों के आंदोलन को लेकर टिकैत ने कहा कि किसानों का मुआवजा समय पर नहीं दिया गया तो उत्तराखंड सरकार को सबक सिखाया जायेगा कि किसानों का पैसा अनावश्यक रोक कर उसे परेशान करना फिर सरकार भूल जायेगी। इस मौके पर किसान यूनियन के प्रवक्ता जगतार सिंह बाजुवा ने कहा कि सरकार की नीति और नियत खराब है। कहा कि सवाल कृषि कानूनों को लेकर तब उठता है जब सरकार ने इन कानूनों को गलत नीति और गलत नियत के तहत बनाया है। कहा कि यह सरकार किसान व गैर किसानों को बांटने का काम कर रही है। समाज को धर्म, जाति के नाम पर समाज को बांटने का काम कर रही है। लेकिन किसान आंदोलन आज पूरे देश को एकसूत्र में पिरोहकर एकजुट करने में जुटा है।