टिहरी। बांध प्रभावित क्षेत्र प्रतापनगर के लोगों का आवागमन का साधन बंद हो गया है। बोट मालिकों ने लंबे समय से भुगतान नहीं मिलने से बोटों का संचालन ठप कर दिया है। जबकि बोटों से रोजाना सैकड़ों प्रभावित आर-पार जाते हैं, बोट संचालकों के इस फरमान के बाद अब प्रभावितों की मुश्किलें बढ़ना शुरू हो गई हैं।


बोटों को संचालित करने को टीएचडीसी पुनर्वास निदेशालय को बजट देता रहा है, लेकिन जून से अभी तक टीएचडीसी ने बजट नहीं दिया है। जिस कारण बोट मालिकों ने लंबे समय से भुगतान नहीं मिलने से बोटों का संचालन ठप कर दिया है। वहीं, टिहरी झील बनने के बाद प्रतापनगर के लोगों व झील के समीप बसे ग्रामीणों के लिए आवागमन के लिए पुनर्वास विभाग द्वारा 7 बोट (नाव) लगाई गई थी। लेकिन आज अचानक बोट मालिकों ने टिहरी झील में लगाई गई 7 बोटों का संचालन बंद कर दिया। बोट मालिकों का कहना है कि हमने पुनर्वास विभाग के नियमानुसार 22 जून 2020 से 7 वोटों का संचालन टिहरी झील में ग्रामीणों के आवागमन लगाई। लेकिन जून से अब तक पुनर्वास विभाग द्वारा बोट किराया नहीं दिया गया है और बोट संचालकों के आगे आर्थिकी की समस्या खड़ी हो गई है। उन्होंने कहा कि कई बार पुनर्वास विभाग को पत्र के द्वारा अवगत किया गया, लेकिन समस्या पर गौर नहीं किया जा रहा है। जबकि पेट्रोल पंप मालिकों ने पेट्रोल उधार देने से भी मना कर दिया है। इसलिए आज टिहरी झील की में लगी सभी 7 बोटों का संचालन बंद कर दिया है। उन्होंने जल्द भुगतान करने की मांग की है। वहीं रौलाकोट, घोंटी, नोताड, मणि, डोबरा आदि जगहों पर बोट का संचालन बंद हो गया है।