देहरादून, 9 मई : उत्तराखंड राज्य आंदोलन की अगुवा व मातृ-शक्ति की प्रतीक सुशीला बलूनी ताई जी का आज शाम निधन हो गया। वे 84 वर्ष की थी और पिछले कई समय से बीमार चल रही थीं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार आज शाम 5:30 उन्होंने अपने घर पर चाय के साथ दो बिस्कुट लिए थे, उसके थोड़ी देर के बाद उनकी तबियत बिगड़ने लगी जिसे देखते हुए उनके पुत्र द्वारा एम्बुलेंस के लिए 108 में फोन किया गया। मगर संकरी गलियों और ट्रेफ़िक जाम के चलते वह भी समय पर न पहुँच सकी। जिसके बाद उनका परिवार स्वयं अपने वाहनों से उन्हें मैक्स अस्पताल लेकर गया, मगर तब तक बहुत देर हो चुकी थी। अस्पताल वालों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
उत्तराखण्ड राज्य निर्माण आंदोलन में सुशीला बलूनी के अवस्मरणीय योगदान कोई नहीं भुला सकता। उस समय वह इंद्रमणि बड़ोनी के साथ उक्रांद का हिस्सा हुआ करती थी। अगस्त 94 को पौड़ी कमिश्नरी में पृथक राज्य कि मांग को लेकर धरने पर बैठे इंद्रमणि बड़ोनी जी को जब पुलिस द्वारा उठा लिया गया तब वह देहरादून के कचहरी परिसर पर धरने पर बैठ गईं। उसके बाद वह स्थल पृथक राज्य कि प्राप्ति तक पूरे आन्दोलन का केंद्र बिन्दू बना रहा जिसे आज हम शहीद स्मारक के नाम से जानते हैं।

कालांतर में दिवाकर भट्ट व काशी सिंह ऐरी की तानाशाही के चलते उन्होंने उक्रांद को छोड़ कर पूर्व सीएम भुवन चंद खंडूड़ी की अगुवाई में भाजपा का दामन थाम लिया था। भले ही भाजपा में जाकर उन्हें सरकार में विभिन्न दायित्व मिले मगर वहां भी उन्हें वह सम्मान नहीं मिला जिसकी कि वह हकदार थीं।
ढलती उम्र व बीमारी के बावजूद उनके अंदर संघर्ष करने का जज्बा कभी ख़तम नहीं हुआ। जब भी मौका मिलता वह राजनीतिक व सामाजिक कार्यों में सक्रिय हो जाती थीं। लोग उन्हें प्यार से “ताई जी” कह कर पुकारते थे। वे आखिरी समय तक राज्य आंदोलनकरियों के हितों के लिए सतत संघर्षशील रहीं। यहां तक कि पिछले साल 12 जून को आंदोलनकारियों को सम्मान स्वरुप दिए गए 10% क्षेतिज आरक्षण को लागू करवाने को आन्दोलनकारियों के साथ शहीद स्मारक पर धरने पर बैठ गईं और सरकार को चेतावनी देते हुए उनके सम्मान को बहाल करने को कहा। जिसे बाद में मुख्यमंत्री धामी के आश्वासन के बाद ख़तम किया गया। दुर्भाग्य यह रहा कि उनकी वह मांग सरकार आज तक पूरी भी न कर सकी।

उनके निधन पर सीएम पुष्कर सिंह धामी समेत पूरे प्रदेश के आंदोलनकारीयों समाजसेवियों, विभिन्न दलों से जुड़े पदाधिकारियों ने उनकी मृत्यु पर गहरा शोक प्रगट करते हुए, उस दिव्य आत्मा कि शांति के लिए सन्देश भेजने का सिलसिला लगातार जारी है।

उनकी अंतिम यात्रा उनके निवास स्थान डोभालवाला से आज (बुधवार) सुबह 10 बजे हरिद्वार के लिए प्रस्थान करेगी।

जनसंवाद परिवार की तरफ से भी आदरणीय ताई जी को विनम्र श्रदांजलि।

#uttarakhand_aandolan #Uttarakhand_movement #Sushila_Baluni #Taai_Ji #सुशीला_बलूनी #ताई_जी #उत्तराखंड_आंदोलन