विपक्ष का निलंबन,नियम विरुद्धः आर्य
पुरानी पेंशन व्यवस्था पर हुई चर्चा

गैरसैण, 16 मार्च : विधानसभा सत्र के चैथे दिन आज सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता विपक्ष ने विपक्षी विधायकों के निलंबन का मुद्दा उठाते हुए इसे नियम विरुद्ध बताया। वहीं कांग्रेस द्वारा दैवीय आपदा पर नियम 310 के तहत चर्चा कराने व पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाली के मुद्दे पर चर्चा की मांग की गई। उधर स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने सवालों का जवाब देते हुए कहा कि राज्य को जल्द 300 डाक्टर मिल जायेगें।
नेता विपक्ष यशपाल आर्य ने आज सदन में विपक्षी विधायकों के निलंबन का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सरकार विपक्ष की बात अगर सुनना नहीं चाहेगी तो यह संविधान सम्मत नहीं है। सदन में अगर विपक्ष की बात सुनी जाती है तो विधायकों को प्रतिरोध की जरूरत नहीं पड़ती। सत्तापक्ष को विपक्ष की आवाज दबाने का प्रयास नहीं किया जाना चाहिए।

कांग्रेस विधायक मनोज तिवारी ने सदन में पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सरकार लंबे समय से इसे टालने का प्रयास कर रही है। जिसे लेकर कर्मचारियों में आक्रोश है और वह आंदोलन पर मजबूर हैं। उनका कहना था कि जब पड़ोसी राज्य हिमाचल में पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू किया जा सकता है तो उत्तराखंड में क्यों नहीं किया जा सकता।
नेता विपक्ष यशपाल आर्य ने विधानसभा का सत्र 4 दिन में समाप्त करने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि जब विधायकों को अपनी समस्याओं को सदन में रखने का भी मौका नहीं दिया जाएगा तो ऐसे में सत्र के आयोजन का क्या फायदा है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से 8 से 10 दिन तक सदन चलाने की मांग की।

उधर कांग्रेस ने आज दैवीय आपदा पर सदन में नियम 310 के तहत चर्चा कराने की मांग की गई लेकिन अध्यक्ष द्वारा नियम 38 के तहत चर्चा की अनुमति दी गई। उल्लेखनीय है कि सरकार ने बजट में एक हजार करोड़ की व्यवस्था दैवीय आपदा के लिए की गई है। विपक्ष का कहना है कि उत्तराखंड जो एक विसंगतियों वाला राज्य है जहां आए दिन कोई न कोई दैवीय आपदा आती रहती है सरकार को इन आपदाओं से होने वाले नुकसान को कम से कम होने के उपाय करने चाहिए।
उधर आज स्वास्थ्य सेवाओं पर विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री धन सिह रावत ने बताया कि राज्य के अस्पतालों को 300 डाक्टर शीघ्र मिल जायेगें। उन्होने एक सवाल के जवाब में बताया कि यूक्रेन से मैडिकल की पढ़ाई छोड़कर आने वाले 265 छात्रों के बारे में अभी केन्द्र सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया है।

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