8 नवंबर 2020 को बहल चौक से हाथीबड़कला, सर्वे ऑफ इंडिया के गेट तक एनवायरनमेंट (पर्यावरण) परेड की गई। परेड में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने मेड सामाजिक संगठन के साथ मिलकर भागीदारी की। प्रदर्शन शहर के तमाम पर्यावरण प्रेमियों, प्रगतिशील लोगों, और राज्य आन्दोलकरियों के साथ मिलकर एकजुटता के साथ किया गया।

एस एफ आई द्वारा साईकल रैली का भी आयोजन किया गया। साईकल रैली बल्लूपुर चौक , घंटाघर होते हुए बहल चौक पर समाप्त हुई। तत्पश्चात सभी लोगों ने बहल चौक से हाथी बड़कला की ओर नारे और जनगीत गाते हुए कूच किया।
पर्यावरण परेड के संदर्भ में एसएफआई के राज्याध्यक्ष नितिन मलेठा ने कहा कि पर्यावरण पर जुलमत की हद हो चुकी है। जो दमन और दोहन राजशाही और ब्रिटिश सरकार ने मिलकर उत्तराखंड की प्राकृतिक संपदा का किया वही दमन-चक्र अब राज्य की भ्रष्ट सरकार भू माफिया, कॉर्पोरेट मिलकर कर रहे हैं। उत्तराखंड राज्य पर्यावरण की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है मगर यहाँ के भ्रष्ट नेता भू-माफिया-कॉर्पोरेट लगातारजल जंगल जमीन को बेचकर अपनी तिजोरियां भरने में लगे हैं।
अगर ऐसा ही चलता रहा तो भविष्य में यहां की आम जनता सांस लेने के लिए साफ हवा और आंखों के लिए कोई ठंडक देने के लिए भविष्य में कुछ भी नहीं बचने वाला।

राज्य सचिव हिमांशु चौहान ने कहा कि ‘किसी भी हाल में ऐसे विध्वंसकारी प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन नहीं होने देंगे। “थानों जंगल”हमारे लिए एक धरोहर है जिसे अपनी अगली पीढ़ी को सुरक्षित सौपना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है,इसमें मौजूद हर पेड़ मायने रखता है।

सनद रहे कि उत्तराखंड वन विभाग और उत्तराखंड सरकार ने शिवालिक ऐलिफेंट रिज़र्व की 243 एकड़ वन भूमि को एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) को देने का फैसला लिया है। प्रस्ताव के मुताबिक इसमें अलग-अलग प्रजातियों के कुल 9745 पेड़ काटे जाएंगे, इन पेड़ों में शीशम (2135), खैर (3405), सागौन (185), गुलमोहर (120) सहित 25 अन्य प्रजातियां शामिल है। उत्तराखंड के परिपेक्ष्य में जल, जंगल, जमीन के सवाल बहुत महत्वपूर्ण है परन्तु प्रदेश व् केन्द्र में भाजपा सरकार इन सवालों को लगातार नजरअंदाज कर रही है। विशालकाय बांधो,आल वेदर रोड़ तथा रेलवे तथा अनियोजित विकास के नाम पर पर्यावरण को पहले ही भारी क्षति पहुंचा कर लाखों पेडो़ को नष्ट किया जा चुका है । अब देहरादून में एअरपोर्ट विस्तार के नाम पर हजारों पेड़ो को उजाड़ने की तैयारी शुरू हो चुकी है, सरकार का यह कदम पर्यावरण विरोधी है।
रैली में जनसंवाद के सतीश धौलखंडी, जयदीप सकलानी,अम्बुज शर्मा,जन क्रांति मोर्चे के सुरेश नेगी,वरिष्ठ पत्रकार त्रिलोचन भट्ट,दून इंटरनेशनल स्कूल से 8वीं की छात्रा हर्षिता शर्मा,बीजीबीएस से विजय भट्ट ,एसएफआई की ओर से हिमांशु चौहान, नितिन मलेठा,निवेदिता,अमन,विनीत, कमलीश, आशु नेगी, सुप्रिया, मनोज, शैलेन्द्र, सचिन पुरोहित, मोहित, अतुल , बिलाल शुभोजीत के अलावा कई “मैड”संस्था समेत कई संगठन मौजूद थे।

विज्ञान का नोबल लगातार 624वीं बार कार्ल मार्क्स और फ्रेडरिक एंगेल्स के नाम

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