हल्द्वानी,16 अक्टूबर: पटवारी/ लेखपाल की भर्ती हेतु 12 फरवरी 2023 को दोबारा आयोजित परीक्षा से सम्बन्धित सूचना को लेकर पांच माह पूर्व लगी द्वितीय अपील की सुनवाई राज्य सूचना आयोग में आगामी 20 नवम्बर को होगी । सूचना देने में तमाम विभागों की टाल-मटोल और अपील की सुनवाई में आयोग के स्तर से हो रही देरी के कारण आरटीआई कार्यकर्ता निराश हैं ।
आयोग के उप सचिव रजा अब्बास के हस्ताक्षर से 29 सितम्बर को जारी नोटिस में लोक सेवा आयोग के लोक सूचना अधिकारी एवं अपीलीय अधिकारी को समस्त सम्बन्धित अभिलेखों के साथ 20 नवम्बर को सुबह 11.15 पर आयोग के कार्यालय में उपस्थित होने को कहा गया है ।
गौरतलब है कि हल्द्वानी के देवकी बिहार निवासी रमेश चन्द्र पाण्डे ने लोक सेवा आयोग के लोक सूचना अधिकारी को 11 मार्च को आवेदन भेजकर 3 बिन्दुओं पर सूचना मांगी थी.

1- पटवारी / लेखपाल की भर्ती हेतु 12 फरवरी 2023 को दोबारा आयोजित परीक्षा के लिए प्रश्न पत्र तैयार कराये जाने की पूरी प्रक्रिया से सम्बन्धित पत्राचार एवं पत्रावली में अंकित टिप्पणी ।
2- 12 फरवरी को आयोजित परीक्षा में दिये गये प्रश्नपत्र ।
3- पटवारी / लेखपाल की भर्ती हेतु लीक हुए क्वैश्चन बैंक के प्रश्न।

लोक सूचना अधिकारी द्वारा 13 अप्रैल को उक्त के प्रत्युत्तर में बिन्दु संख्या 2 की सूचना तो दे दी गई लेकिन बिन्दु संख्या 1 एवं 3 में वांछित सूचना के सम्बन्ध में आरटीआई एक्ट की धारा 8(1)(छ) जिसमें सूचना से पहचान के कारण जानमाल का खतरा और सुरक्षा का प्राविधान निहित है , का हवाला देते हुए सूचित किया गया कि यह सूचना दी जानी सम्भव नहीं है ।
लोक सूचना अधिकारी के उक्त प्रत्युत्तर के विरुद्ध 25 अप्रैल को प्रथम अपील भेजी गई जिस पर 12 मई को हुई सुनवाई में अपीलीय अधिकारी / उप सचिव डा. प्रशान्त द्वारा पाया गया कि बिन्दु संख्या 1 एवं 3 की सूचना नहीं दिये जाने का स्पष्ट कारण नहीं बताया गया है । उनके द्वारा जारी आदेश में लोक सूचना अधिकारी को स्पष्ट रुप से यह बताने के निर्देश दिए गए कि सूचना किन कारणो से नहीं दी जा सकती है ।
लोक सूचना अधिकारी द्वारा 25 मई को पत्र भेजकर बिन्दु संख्या 1 की सूचना नहीं दिये जाने के कारण के बारे में बताया कि पत्रावली में विषय विशेषज्ञों के साथ किये गये पत्राचार एवं टिप्पणियों में उनके नाम पते व मोबाइल नम्बर अंकित किये गये हैं। बिन्दु संख्या 3 की सूचना नहीं दिये जाने का कारण बताया गया कि प्रश्नांश बैंक पुलिस अभिरक्षा में सील है एवं बर्तमान में उक्त प्रकरण पर एस.आई.टी. जांच भी प्रचलित है । इसके अलावा प्रश्नांशों में विषय विशेषज्ञों के नाम, पते और मोबाइल नम्बर भी अंकित होते हैं ।
सूचना नहीं दिये जाने के कारणों से असहमत होकर 3 जून को राज्य सूचना आयोग के सचिव को द्वितीय अपील भेजकर सूचना दिलाने का आग्रह किया गया था ।
आरटीआई कार्यकर्ता रमेश चन्द्र पाण्डे ने कहा कि 3 जून को प्रेषित द्वितीय अपील की सुनवाई की तिथि हेतु वे लम्बे समय से इन्तजार कर रहे थे । उन्होंने कहा कि लोक सूचना अधिकार के तहत सूचना मांगने पर प्राय: तमाम विभागों द्वारा टाल-मटोल की जा रही है और द्वितीय अपील की सुनवाई मे देरी हो रही है । इस स्थिति के चलते आरटीआई कार्यकर्ता का धैर्य जवाब दे रहा है । कहा कि जिसमें धैर्य नही होगा वह आखिरकार हताश होकर सूचना हेतु आगे की कार्यवाही करना छोड देगा ।