देहरादून 13 अप्रैल : सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत समय से सूचना उपलब्ध न कराए जाने पर कराए जाने पर देहरादून नगर निगम के तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी एवं खाद्य विभाग के लोक सूचना अधिकारी पर राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने ₹25000 – ₹25000 जुर्माना लगाया ।
धामावाला बाजार निवासी रणजीत सिंह ने 16 दिसंबर 2021 को नगर निगम देहरादून से रेसकोर्स स्थित श्री गुरु नानक हायर सेकंडरी स्कूल व श्री गुरु नानक दून वैली स्कूल को दी गई जमीन/प्लॉट संख्या व रकबे में भिन्नता से सम्बंधित थी। यह भिन्नता कर निर्धारण प्रपत्र व संबंधित नक्शे में मिली थी। इस बारे में जब संबंधित भवन कर अधीक्षक विजय चौहान (जो कि वर्तमान में नगर पालिका मसूरी में तैनात हैं ) से स्थिति स्पष्ट करने के लिए सूचना मांगी गई तो जानकारी देने की जगह वह मामले में लीपापोती करता रहा।
उसके बाद दिनांक 7 फरवरी 2022 को प्रथम अपील में भी कर अधीक्षक को 10 दिन के अंदर सूचना देने के आदेश हुए मगर उनके कान में जूं भी न रेंगी। थक हार के अपीलार्थी ने राज्य सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया। जिसके बाद कर अधीक्षक विजय चौहान को 30 जनवरी 23 को आयोग में पेश होने के नोटिस जारी कर दिए गए। मगर उक्त कर अधीक्षक ने सुनवाई से ठीक 1 दिन पहले सम्बंधित सूचना प्रार्थी को उपलब्ध करा दी। सुनवाई के दौरान यह भी तथ्य सामने आया कि जो सूचना दी गई वह भी अधूरी एव भ्रामक है। अपीलार्थी के अनुसार भूमि की लीज किसी अन्य संस्था की है। जबकि नगर निगम में भूमि को किसी अन्य संस्था के नाम दर्ज किया गया है इसी कारण सूचना नहीं दी जा रही है।
उक्त प्रकरण पर सुनवाई करते हुए राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने पाया कि जिस संपत्ति से संबंधित सूचना मांगी गई है उसके कर निर्धारण प्रपत्र में भूमि का रकबा क्षेत्रफल 17510 वर्ग गज है, जबकि मालिकाना अधिकार के दस्तावेजों नक्शे में भूमि 8400 वर्ग में पाई गई है। इसके अलावा कर निर्धारण प्रपत्र में प्लाट संख्या 150-168 दर्ज है, जबकि नक्शे में संख्या 159 -168 दर्ज है ।
नगर निगम देहरादून द्वारा सार्वजनिक संपत्ति से जुड़े मामले में अभिलेखों में भिन्नता की शिकायत पर हुई सुनवाई के दौरान यह पुष्टि हुई कि आरोपित द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम को गंभीरता से न लेते हुए अपीलार्थी को सूचना देने में अवरोध उत्पन्न करते हुए विलंब से सूचना उपलब्ध कराई गई। इसे गंभीर मानते हुए सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने नगर निगम देहरादून के तत्कालीन कर अधीक्षक विजय चौहान पर ₹25000 का जुर्माना लगाते हुए वर्तमान लोक सूचना अधिकारी रोहिताश शर्मा एवं उप नगर आयुक्त को निर्देश दिए कि वह एक माह के भीतर जांच करवा कर उक्त भूमि की स्थिति स्पष्ट करते हुए आयोग एवं प्रार्थी को अवगत करवायें कि अभिलेखों में भिन्नता क्या मानवीय भूल है ? किन्तु अगर यह साजिशन है तो सूचना अधिकार अधिनियम की धारा (20) से आच्छादित होने वाला गंभीर विषय है।
एक अन्य प्रकरण की सुनवाई करते हुए राज्य सूचना आयुक्त योगेश ने चकराता के ग्राम कंडोई के केशर सिंह द्वारा पूर्ति निरीक्षक सुखबीर सिंह नेगी से सरकारी राशन की दुकान से संबंधित सूचना मांगी थी। समय पर सूचना न मिलने पर यह मामला भी आयोग पंहुचा। मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सूचना आयोग आयुक्त योगेश भट्ट ने पाया की पूर्ति निरीक्षक सुखबीर सिंह नेगी ने सूचना देने में 7 माह का अनावश्यक विलंब किया है. लिहाजा उन पर भी ₹25000 का जुर्माना लगाया गया।