देहरादून,  चिन्हीकरण सहित सात सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलनकारियों ने प्रदर्शन करते हुए धरना दिया। यहां उत्तराखंड राज्य निर्माण सेनानी मंच से जुडे हुए आंदोलनकारी कचहरी स्थित शहीद स्मारक में अध्यक्ष नंदाबल्लभ पांडेय के नेतृत्व में इकटठा हुए और वहां पर उन्होंने अपनी चिन्हीकरण सहित सहित सात सूत्रीय मांगों के समाधान के लिए शासन प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए धरना दिया। इस अवसर पर अनेक आंदोलनकारी धरने पर बैठे। इस अवसर पर मंच के अध्यक्ष नंदाबल्लभ  पांडेय ने कहा कि  सरकार, शासन प्रशासन उनके हितों के लिए गंभीर नहीं दिखाई दे रही है जिसके लिए चरणबद्ध तरीके से आंदोलन किया जायेगा। इसके लिए रणनीति तैयार की जायेगी। उन्होंने कहा कि लगातार आंदोलनकारियों का उत्पीड़न किया जा रहा है और उनके हितों के लिए किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है जिससे आंदोलनकारियों में रोष बना हुआ है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही आर-पार का आंदोलन आरंभ किया जायेगा और इसके लिए रणनीति तैयार की जायेगी। आंदोलनकारियों ने कहा कि उनकी लगातार उपेक्षा की जा रही है। उन्होंने कहा कि आंदोलनकारियों को शीघ्र ही चिन्हित किया जाये और छूटे हुए आंदोलनकारियों को शीघ्र ही दर्जा दिये जाने की आवश्यकता है।
    उनका कहना है कि सरकार आंदोलनकारियों के हितों के प्रति गंभीर नहीं दिखाई दे रही है जिसके लिए आंदोलन करना पड़ रहा है। उनका कहना है कि सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ आंदोलन तेज किया जायेगा। उन्होंने कहा कि शासन प्रशासन ने अभी तक इस ओर किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई है जो चिंताजनक है। उन्होंने उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी। उनका कहना है कि अभी तक शासन प्रशासन की ओर से किसी भी प्रकार की कोई सुध नहीं ली गई है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य निर्माण सेनानी का दर्जा आंदोलनकारियों को शीघ्र ही प्रदान किया जाना चाहिए और सेनानियों के आश्रितों को रोजगार में समायोजित किये जाने तथा सीमावर्ती जिलों से पलायन पर पूर्ण रूप से रोक लगाये जाने की जरूरत है।  उनका कहना है कि अब सरकार के खिलाफ आर पार का आंदोलन किया जायेगा। इस अवसर पर आंदोलनकारियों ने कहा कि सरकार को जगाने के लिए आंदोलन को तेज किया जायेगा और इसके लिए रणनीति तैयार की जायेगी। 
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उनका कहना है कि जिलों से पलायन पर पूर्ण रूप से रोक लगाये जाने और आंदोलनकारियों को दस प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण को शीघ्र ही प्रदान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार, शासन प्रशासन उनके हितांे के लिए गंभीर नहीं दिखाई दे रही है जिसके लिए चरणबद्ध तरीके से आंदोलन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि उनका कहना है कि उनकी मांगों पर शासन प्रशासन की ओर से किसी भी प्रकार का कोई गौर नहीं किया जा रहा है जो चिंता का विषय है। वह सरकार की जन विरोधी नीतियों से नाराज है। उन्होंने कहा कि समूचे उत्तराखंड को आरक्षित किया जाये और मुजफ्फरनगर रामपुर तिराहे के दोषियों को फांसी दिये जाने की मांग की गई है लेकिन अभी तक इस ओर किसी भी प्रकार की कोई नीति तैयार नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि लगातार आंदोलनकारियों के हितों के लिए संघर्ष किया जा रहा है लेकिन प्रदेश सरकार इस ओर किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं कर पा रही है। पांडेय ने कहा कि 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण को समाप्त करना गलत है, जिसका विरोध किया जायेगा।  इस अवसर पर अनेक आंदोलनकारी शामिल थे।