-डीएम स्मार्ट क्लासरूम का प्रजेन्टेशन/डैमो जांचते हुए। |
देहरादून, जिलाधिकारी एस.ए मुरूगेशन द्वारा शिक्षा विभाग और खनन विभाग के अधिकारियों के साथ नेहरू कालोनी स्थित एक संस्थान में स्मार्ट क्लासरूम का प्रजेन्टेशन /डैमो जांचा गया। जिलाधिकारी द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने तथा शहरी-ग्रामीण, अमीर-गरीब और पब्लिक सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत् विद्यार्थियों के बीच की दूरी को पाटने के लिए आधुनिक/उन्नत टैक्नोलाॅजी से संचालित होने वाली स्मार्ट कक्षाओं के नजरिये से डिमोस्टेशन को देखा। उन्होंने देखा कि किस तरह से प्रत्येक कक्षाओं के विषयों के कन्टेन्ट को इन्टरएक्टिव डिजिटल बोर्ड के माध्यम से पढाया जा सकता है और किस तरह से यह अभिनव प्रयोग बच्चों को कक्षाओं तक लाने में अधिक आकर्षित बनाने तथा उनके सोचने-समझने में सहायक हो सकता है।
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संस्था के संचालक कैराविन टैक्टनालाॅजी प्राइवेट लि0 नई दिल्ली से आईआईटी इंजीनियर कुमार गोविन्द और उनकी टीम द्वारा स्मार्ट कक्षाओं का डैमो देते हुए अवगत कराया कि सौर ऊर्जा से संचालित सैटअप में मल्टीमिडिया के माध्यम से बच्चों को कक्षाओं के कन्टेन्ट के साथ ही मोटिवेशन कैरियर ऐसेसमेन्ट के साथ बहुत सी शैक्षणिक जानकारी उपलब्ध होगी। इसमें सम्मिलित पाठ्यक्रम एन.सी.ई.आर.टी सिलेबस के ही अनुसार है। उन्होंने स्मार्ट क्लास के फीचर्स बताते हुए कहा कि क्लासरूम के सेटअप में इन्टरएक्टिव डिजिटल बोर्ड, प्रोजेक्टर, आल इन वन सीपीयू शामिल है जो वाई-फाई सुविधा और इलैक्ट्रानिक बहुभाषी उत्पादों से लैस है। उन्होंने इसके माध्यम से विद्यालयों के शिक्षकों को प्रशिक्षण दिये जाने की भी जानकारी देते हुए कहा कि यह स्मार्ट क्लासरूम प्रधानमंत्री मोदी के डिजिटल इण्डिया, सौर ऊर्जा मिशन, सबके लिए शिक्षा तथा नीति आयोग के इनावेटिव मिशन की मनोभावना के अनुकूल है। जिलाधिकारी ने मुख्य शिक्षा अधिकारी आशा पैन्यूली और खनन अधिकारी दीपक अटवाल को इस स्मार्ट क्लासरूम के कान्सेप्ट को शुरूआती चरण में माइनिंग क्षेत्र में स्थापित विद्यालयों व अध्ययन केन्द्रों में प्रारम्भ करने के निर्देश दिये और इसके लिए शीघ्रता से सभी प्रयास करने और प्राप्त फीटबैक के आधार पर आगे सरकारी विद्यालयों के लिए भी होमवर्क करते हुए कार्य करने के निर्देश दिये।