पुलिस ग्रेड पे कटौती को लेकर पुलिस परिजनों के आंदोलन के समर्थन में धरना प्रदर्शन कर रहे उत्तराखंड क्रांति दल के नेताओं को जमानत पर रिहा कर दिया गया है। कोर्ट के बाहर मौजूद उनके दर्जनों समर्थकों ने तीनों नेताओं का फूल मालाओं से जमकर स्वागत किया।कोर्ट परिसर से उनके समर्थक तीनों नेताओं को कचहरी परिसर में स्थित शहीद स्थल पर ले गए, जहां पर सभी यूकेडी कार्यकर्ताओं ने उत्तराखंड के लिए इस संघर्ष को जारी रखने का संकल्प लिया
कल रात दल के वरिष्ठ नेताओं को पुलिस ने किया था गिरफ्तार
तीनों नेताओं को गिरफ्तार करके रात भर थाना कोतवाली में बंद रखने के बाद पुलिस ने उन्हें सुबह 11:00 बजे सिटी मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया।जहां पर तीनों नेताओं को जमानत दे दी गई। क्रांति दल के नेताओं ने कहा कि उनको शारीरिक तौर गिरफ्तार किया जा सकता है लेकिन उनके विचारों की गिरफ्तारी संभव नहीं है। यूकेडी नेताओं ने कहा कि 4600 से नीचे का ग्रेड पे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएग। यह पुलिसकर्मियों के मानवाधिकारों का उल्लंघन है। जमानत कराने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण ढौंड़ीयाल ने बताया कि इस मामले में सुनवाई के लिए अगली तिथि 21 अक्टूबर तय की गई है
यूकेडी नेता शांति भट्ट ने जमानत पर बाहर आने के बाद मीडिया से कहा कि उत्तराखंड क्रांति दल पुलिस कर्मियों के ग्रेड पर कटौती का विरोध करता रहा है और यह आंदोलन और तेज किया जाएगा।
संगठन मंत्री संजय बहुगुणा ने कहा कि पुलिस परिजनों के आंदोलन को समर्थन रहेगा जारी ।
आगे की रणनीति के बारे में पूछे जाने पर नरेश बौंठियाल ने कहा कि पुलिस ग्रेड पे के लिए न्याय की लड़ाई जारी रहेगी और यूकेडी नेता किसी भी तरह के दमन के आगे झुकने वाले नहीं हैं। उत्तराखंड क्रांति दल की महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष सुलोचना ईष्टवाल ने कहा कि पुलिस ग्रेड मे कटौती को जनता के बीच मुद्दा बनाया जाएगा, जिसका जवाब बात सरकार को 2022 में मिलेगा।
इस दौरान उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय महामंत्री जय प्रकाश उपाध्याय, महानगर अध्यक्ष दीपक रावत, सविता श्रीवास्तव, सरोज रावत ,शकुंतला रावत, सुमन बडोनी, आरसी बडोनी मातबर सिंह, सुंदर सिंह कंसवाल, अनिल डोभाल, मीनाक्षी सिह, मीनाक्षी घिल्डियाल, अनिरुद्ध काला, किरण रावत, प्रशांत भट्ट, प्रमोद डोभाल, सीमा रावत, पंकज बेलवाल, राजेश्वरी रावत, गोपाल उनियाल, केंद्रीय युवा मोर्चा के अध्यक्ष राजेंद्र बिष्ट, राजेंद्र प्रधान, जबर सिंह पावेल, कमल कांत, महामंत्री बहादुर सिंह रावत सहित दर्जनों पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल थे।