देहरादून, गाँधी व लाल बहादुर शास्त्री जयंती के अवसर पर सुप्रसिद्ध कत्थक नृत्यांगना, फिल्म निर्मात्री, कवित्री, व्यवसायी, पर्यावरणविद्, समाज सेविका व नमामि गंगे परियोजना की प्रमोटर आरुषि निशंक ने अनोखी मुहीम की शुरुवात की है जिसके तहत वह साल भर में 10 लाख से अधिक पेड़ लगाएंगी। इसके कार्य को सफल बनाने के लिए उन्होंने युवाओं, शिक्षण संस्थाओं, गैर सरकारी संस्थाओं को अपने साथ जोड़ा है। इस मुहीम के तहत सेल्फी विद स्पर्श ट्री कैंपेन भी चलाई जाएगी जिसमें हर एक को एक पेड़ लगा कर या अपने घर में ला कर सेल्फी लेनी है और सोशल मीडिया में प्रोम्नोटे करनी है ताकि अधिक से अधिक लोग तक यह सन्देश जाये और वह इस कार्य में अपनी भागीदारी निभाएं. दिल्ली के यमुनेश्वर घाट, रामघाट और यमुना बाजार घाट से इस अभियान की शुरुवात हुई है।
कार्यक्रम में 300 छात्रों के साथ श्री यू पी सिंह, यूनियन वाटर रिसोर्स सेक्रेटरी और रोसी अग्रवाल एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर फाइनेंस नमामि गंगे भी उपस्थित थे. इस अभियान में दिल्ली यूनिवर्सिटी के अनेक कॉलेज जिनमें मोती लाल नेहरू कॉलेज, श्याम लाल कॉलेज, दयाल सिंह कॉलेज, शहीद भगत सिंह कॉलेज, कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज, वैंकटेवश्वर कॉलेज, जाकिर हुसैन कॉलेज, रामानुजन कॉलेज व अन्य शामिल हैं। इस कार्य को सफल बनाने के लिए आरुषि अपनी टीम के साथ दिल्ली के अलावा १५ राज्यों में जाएँगी जिनमें उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, हरयाणा आदि शामिल हैं। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री डॉक्टर रमेश पोखरियाल निशंक और जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी आरुषि के इस कार्य की सराहना की। इस अभियान पर चर्चा करते हुए आरुषि निशंक ने कहा, ष्आज गाँधी व लाल बहादुर शास्त्री जी की पवन जयंती के मौके पर इस अभियान की शुरुवात करना अपने आप में सौभाग्य है। पेड़ प्रकृति की वो देन है जिसका कोई विकल्प उपलब्ध नहीं है। पेड़ हमारा सबसे घनिष्ठ मित्र है। हमारे द्वारा लगाया गया पेड़ सिर्फ हमें ही लाभ नहीं पहुँचाता बल्कि आने वाली कई पीढ़ियों को लाभ पहुँचाता है। हवा, पानी, खाने-पीने की सामग्री, ईंधन, वस्त्र, जानवरों का चारा अन्य कार्यों में प्रयोग करने के लिए लकड़ी सब हमें पेड़ों से ही मिलता है। पेड़ पर्यावरण से कार्बन डाईऑक्साईड लेकर बदले में ऑक्सीजन देते हैं। आज हम सभी से निवेदन करते हैं की 1 पेड़ लगाएं, अपने घर लाएं और कहा जाये तो एक पेड़ को गोद लें और अपने बच्चे की तरह उसकी देख रेख करें। हमें दिवाली, न्यू ईयर, बर्थडे आदि पर भी पौंधे उपहार में देने चाहिए। आरुषि केंद्र सरकार की नमामि गंगे परियोजना की प्रमोटर हैं और साथ ही साथ हिमालय तथा नदियों की स्वछता अवा संवर्धन के समर्पित अभियान स्पर्श गंगा की राष्ट्रीय संयोजक भी हैं। इसके अलावा इनके द्वारा महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में देश विदेश में अनेक कार्यक्रम आयोजित करती आ रही हैं। आरुषि सुप्रसिद्ध कत्थक गुरु पदम् विभूषण बिरजू महाराज की शिष्या हैं और भारत सरकार के भारत विदेश सांस्कृतिक सम्बन्ध परिषद् की कलाकार हैं. ये एक दर्जन से साधिक देशों में अपनी कत्थक की प्रस्तुति दे चुकी हैं। कत्थक के अलावा आरुषि विगत 10 वर्षों से सामाजिक क्षेत्रों में पर्यावरण संस्करण व संवर्धन, नारी सशक्तिकरण और पवित्र गंगा नदी अवं उसकी सहायक नदियों की स्वछता अवं संरक्षण के कार्यों में संलग्न हैं।