देहरादून : नैशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स (एनएपीएसआर) की मुहिम “ताकि कोई बच्चा न रहे शिक्षा से वंचित” के तहत पिछले चार वर्षों से चलाए जा रहे निःशुल्क बुक बैंक मे स्कूल खुलते ही इस साल भी किताबें लेने व देने वालों की भीड़ लगनी शुरू हो गयी है यहां पर अभिभावक व बच्चे न सिर्फ स्कूली शिक्षा की बल्कि सिविल सेवा, व अन्य कम्पटीशन की किताबें भी का लाभ लेने भी आ रहे हैं ।
बुक बैंक के संचालक आरिफ खान ने बताया कि वर्ष 2018 मे अभिभावकों को आर्थिक राहत पहुंचाने और पुस्तक विक्रेताओं की मनमानियों से बचाने के लिए तीन दिवसीय बुक एक्सचेंज मेले से शुरू हुई एनएपीएसआर की मुहिम आज एक बुक बैंक का रूप ले चुकी है और चूंकि पिछले साल लॉक डाउन के चलते अभिभावक बुक बैंक नही आ सकते थे तो उन्होंने अपनी कार को ही बुक बैंक बना दिया था और विकासनगर, ऋषिकेश, मसूरी समेत पूरे देहरादून मे जहां से भी किताबों की मांग की गई उन्होंने लगभग 1350 बच्चों तक किताबें पहुंचाई थी ।
किन्तु चूंकि इस साल स्तिथि सामान्य है तो लोग खुद चलकर किताबें लेने और देने आ रहे हैं बुक बैंक से अभी तक हजारों बच्चों को लाभ मिल चुका है । अभिभावकों की सुविधा और उनकी मांग के चलते नेहरू कॉलोनी के अलावा विकास नगर, चन्द्रमणि, बसंत विहार, सहस्त्रधारा रोड़, ठाकुरपुर (प्रेमनगर) मे भी बुक बैंक की शाखा खोली हुई है ताकि अभिभावकों और छात्रों को किताबों के लिए भटकना न पड़े । इस बुक बैंक का लाभ अभी तक हजारों लोगों ने उठाया है जिनमे आम आदमी के अलावा शिक्षक,पत्रकार, डॉक्टर पुलिसकर्मी व शिक्षा पर काम करने वाली संस्थाएं भी शामिल हैं ।
उनका कहना है कि यदि इसी प्रकार से जनता का सहियोग मिलता रहा तो वो अन्य शहरों और राज्यों मे भी बुक बैंक की स्थापना करना चाहते हैं ताकि शिक्षा सभी के पहुंच मे हो सके । यदि आप भी बुक बैंक से किताबें लेना और देना चाहते हैं तो नीचे दिए गए पते पर सम्पर्क कर सकते हैं ।