(1) तत्काल मनरेगा के तहत, वनक्षेत्रों में पुराने चाल-खाल का ‘निर्माण-पुननिर्माण-जीर्णोद्धार-मरम्मत’ युद्धस्तर पर शुरू किया जाये. इससे दो फायदे होंगे – दीर्घकालीन फायदा – जल संरक्षण होगा, जिससे जमीन में नमी बनी रहेगी, जल स्रोत पुनर्जीवित होंगे, भविष्य में आग की घटनाओं में कमी आएगी;
तात्कालिक फायदा – आजकल हर वक्त वन क्षेत्र में लोग उपलब्ध रहेंगे जो तत्काल आग पर काबू कर लेंगे।
(2) वनपंचायत अधिनियम में 1972 के बाद, जो भी संसोधन हुए हैं उन्हें तत्काल समाप्त करके, वन पंचायतों को दुबारा से सशक्त बनाया जाये। वनपंचायतों को उनके पुराने स्वरुप में लाया जाये ताकि वन पंचायत खुद आग बुझाने की जिम्मेदारी लें ।
(3) आग लगने की घटनाओं के लिए वन विभाग को जिम्मेदार मानते हुए, वनाधिकारियों से क्षतिपूर्ति की जाये।
(4) वन प्रबंधन के ब्रितानी तरीके को अर्थात वन विभाग के वर्तमान स्वरूप को खत्म किया जाये और एक नई वैज्ञानिक, जवाबदेह और जनभागीदारी युक्त वन प्रबंधन प्रणाली विकसित की जाये।
प्रेम बहुखंडी
जेएनयू वाले