आई दिवाली दीप जला जा

वैसे तो भारत में हर त्योहार हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है मगर जब दिवाली की बात आती है तो महौल कुछ अलग ही हो जाता है। क्योंकि  दिवाली का त्योहार भारत देश में सबसे ज्यादा धूम-धाम के साथ मानाया जाता है। दिवाली के त्योहार को खुशियों का त्योहार के नाम से बुलाया जाता है। तो इस त्योहार को धूम-धाम से मनाना लाज़मी है। मगर पिछले कुछ सालों से लग रहा है कि दिवाली का त्योहार र्सिफ पटाखों का त्योहार बनकर रह गया है। और पटाखे बिना दिवाली मनाने की कोई नहीं सोचता। क्योंकि अब दिवाली का महत्तव की परिभाषा बदल गई है। दिवाली का असली मतलब जैसे लोग भूल ही गए हैं। लगता है पटाखे बिना दिवाली लोग मना ही नहीं सकते हैं। साथ ही पटाखों से होने वाले नुकसान को भी भुल गए हैं। दिवाली शांति और खुशियों के साथ मनाई जाती है। घरों को सजाने से लेकर स्वादिष्ट खाना बनाने में दिवाली का असली मजा है न की पटाखों से प्रदूषण करके दिवाली का मजा खराब करके।

आजकल लोगों को लगने लगा है कि दिवाली का त्योहार र्सिफ पटाखों के साथ ही मनाया जाता है। लेकिन लोगों को यह समझना होगा कि पटाखे बिना दिवाली बेहतर तरीके से दिवाली मनाई जा सकती है। पटाखों से होने वाले कई नुकसान हैं। चिंता करने वाली बात यह है कि लोग दशहरा के बाद से ही पटाखों से प्रदूषण करना शुरु कर देते हैं और दिवाली में पटाखे का नुकसान बहुत ज्यादा होता है। पटाखों से नुकसान न केवल इंसानों को दिक्कत होती है बल्कि  पर्यावरण को भी नुकसान होता है ।

कैसें मनाए बिना पटाखों के दिवाली

दिवाली का त्योहार परिवारों और रिश्तेदारों के साथ खुशियां बांटकर मनाने का त्योहार है। लेकिन यह रिवाज़ शायद अब र्सिफ किताबों में रह गया है। क्योंकि आज की पीढ़ी ने शोर में दिवाली मनाने का आनंद ढूंढ लिया है। युवा पीढ़ी को समझना होगा कि पटाखे बिना दिवाली मनाई जा सकती हैं। और जिस मज़े में उन्हें आनंद मिल रहा है। पटाखों से होने वाले नुकसान बहुत हानिकारक है।

इस साल से हम सब दिवाली मनाने का तरीका बदलें

     आप सोच रहेंगे होंगे पटाखे बिना दिवाली कैसे मनाई जा सकती है। इस साल दिवाली पर सब पटाखों का साथ छोड़कर परिवार वालों का साथ लेंगे। पटाखे बिना दिवाली मनाने का कारण भी बहुत अच्छा है। यह बात खुद सोचने वाली है कि पटाखों से पर्यावरण को नुकसान कितना पहुंचता होगा। और सबसे ज्यादा पटाखों से हानि हम अपने आप को पहुंचा सकते हैं। अगर पटाखें जलाते समय न चाहते हुए पटाखों से होने वाले नुकसान आपके साथ हो गए तो दिवाली का मजा खराब हो सकता है। इससे अच्छा है आप अपने परिवार, रिश्तेदारों, दोस्तों के साथ मिलकर दिवाली जैसे पावन त्योहार का मजा उठा सकते हैं। परिवार, रिश्तेदारों, दोस्तों के साथ दिवाली का त्योहार मनाने से आप अच्छी यादें बटोर सकते हैं। जो पटाखों से प्रदूषण करने में तो बिल्कुल भी नहीं है। पटाखे बिना दिवाली मनाने से पटाखों से वायु प्रदूषण भी कम हो जाएगा।

  • जरुरत मंद की करें मदद
    किसी भी दिन अगर हम किसी जरुरत मंद इंसान की मदद करते हैं। तो अंदर से एक अलग खुशी महसूस होती है। और सबसे अच्छी बात तो यह है कि इस खुशी का हमें इंताजार नहीं करना होगा। बल्कि इस खुशी को हम जब चाहे पा सकते हैं और इस खुशी को पाने का मौका दिवाली का त्योहार से अच्छा तो और कोई हो ही नहीं सकता है।जितने पैसे आप पटाखों में बरबाद करें उतने पैसों से आप खुद या अपने बच्चो के हाथ से  किसी गरीब को मिठाईयां, कपड़े देकर मदद कर के देखें, आपको जो सुकून मिलेगा उसकी कल्पना भी आप नहीं कर सकते । अगर आप यह सब नहीं दे सकते हैं तो आप र्सिफ उनके पास जाकर दिवाली की बधाई भी दे सकते हैं। चीज़ों से ज्यादा जज्बात मायने रखते हैं। इससे आपको पता चल गया होगा कि पटाखे बिना दिवाली भी मनाई जा सकती है। पटाखों से सिवाय  प्रदूषण के  कुछ नहीं होता है और प्रदूषण से होने वाले नुकसान कितने होते आप भी जानते  हैं।
  • तोहफे बांटकर मनाएं दिवाली
    दिवाली का त्योहार ही खुशियां बांटने का त्योहार होता है। और भारत में खुशियां बांटने का तरीका लाजवाब है। दिवाली वाले दिन लोग अपनी खुशियों का इजहार तोहफे बांटकर करते हैं। और तोहफों में खासकर मिठाईयां बांटी जाती हैं।पटाखे बिना दिवाली मनाने का यह तरीका सबको अपनान चाहिए। मीठा बांटकर दिवाली मनाने का मजा ही कुछ और होता है। और यह मजा पटाखों से प्रदूषण करने में तो बिल्कुल भी नहीं है। साथ ही हम सबको पटाखों से होने वाले नुकसान के बारे में अच्छे से पता है। अगर तोहफे खुद जाकर दिए जाएं तो सोने पर सुहागा हो जाएगा। दिवाली ही सबसे अच्छा समय होता है जब हम अपने चहाने वालों से मिलना होता है। क्योंकि सभी अपनी जिंदगी में बहुत व्यस्त हो चुकी हैं।
  • आस-पास की करें सफाई, लगाएं पौधें
    दिवाली के मौके पर हर कोई 10-15 दिन पहले दिवाली की सफाई करने में लग जाता है। माना जाता है कि दिवाली की सफाई इसलिए की जाती है ताकि दिवाली वाले दिन लक्ष्मी घर आए। दिवाली का त्योहार पर घर की सफाई तो हर साल ही की जाती है। लेकिन इस बार आप पटाखे बिना दिवाली के साथ कुछ अलग करने की भी सोच सकते हैं। आप घर की सफाई के अलावा अपने आस-पास की भी सफाई कर सकते हैं। जैसे कि आप अपने मोहले की भी सफाई कर सकते हैं। और साफ की गई जगह में पेड़-पौधे भी लगा सकते हैं। जैसा कि हम सबको पता है दिवाली के बाद पटाखों से प्रदूषण बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। पटाखों से प्रदूषण पर किसी को तो ध्यान देना होगा।
  • खास लोगों के साथ दिवाली पार्टी करें
    दिवाली का मजा आप अपने खास लोगों के साथ पार्टी करके भी मना सकते हैं। वैसे भी पार्टी करने से कोई भी मना नहीं करेगा। दिवाली पार्टी आप किसी थीम पर रख सकते हैं। या फिर प्रतियोगिताएं भी रख सकते हैं। या फिर हर कोई अपने घर से स्पेशल डिश बनाकर भी ला सकता है। यह पटाखे बिना दिवाली मनाने का बेस्ट तरीका भी है। साथ ही अपनो के साथ इस त्योहार कामजा दुगना भी हो जाएगा।
  • दिवाली की स्पेशल डिश खाएं और खिलाएं
    दिवाली वाले दिन हर किसी के घर में स्पेशल डिश बनती है। और यह स्पेशल डिश आप केवल खुद खाने के साख-साथ दूसरों को भी खिला सकते हैं। इससे आपका दिवाली का त्योहार की खुशियां दोगुनी हो जाएंगी। सबसे खास बात यह है कि इस दिन आप अपना कुकिंग टेलेंट भी दिखा सकते हैं। सबसे स्वादिष्ट डिश को लेकर आप प्रतियोगिता भी रख सकते हैं। जिसमें आप सबको खुद से डिश बनाने के लिए बोल सकते हैं। और चुने हुए जज सबकी डिश को टेस्ट करने के बाद बेस्ट डिश को ईनाम भी दे सकते हैं। इससे अलग-अलग डिश खाने को भी मिलेगी। साथ ही पटाखे बिना दिवाली का दिन यादगार बन जाएगा।
  • खुद सजे साथ में घर को भी सजाएं
    सबकी जिंदगी बहुत भाग दौड़ भरी हो गई है। त्योहारों का ही वक्त ऐसा होता है जब पूरा परिवार साथ होता है। और दिवाली का त्योहार होने के बहाने ही घर के सब लोग सजते हैं। और खासकर दिवाली का दिन ही होता है जब अपने साथ हम अपने घर को भी सजाते हैं। हम अलग-अलग तरीकों से अपने घर को सजा सकते हैं। घर सजाने के तरीके आप नेट से देख सकते हैं। और दिवाली के समय घर सजाने की नई- नई चीज़े भी बाजारों में आ जाती हैं। और खुद के लिए तो हम बेस्ट ड्रेस लेते ही हैं। क्यों न घर को भी इस बार बेस्ट बनाएं। और इस बार प्रण लें कि पटाखे बिना दिवाली मनाएंगे।
  • दियों के साथ लें पूरे परिवार की सेल्फी
    सेल्फी लेना तो आजकर ट्रेंड में है। लेकिन सेल्फी भी हर कोई र्सिफ अपने आप की लेता है। इस बार आप अपने परिवार के साथ फैमली सेल्फी से सकते हैं। खासकर जलते हुए दियों के साथ आप अपने पूरे परिवार की सेल्फी ले सकते हैं। जो लोग घर से बाहर रहते हैं। और दिवाली का त्योहार के लिए घर आते हैं। दिवाली के बाद सब अपने कॉलेज और अॉफिस जाना शुरु कर देंगे। दिवाली के बाद र्सिफ यादें ही रह जाएंगी। और यह यादें आप अपने फोन में ले जा सकते हैं। इससे आपके पास दिवाली की यादें हमेशा आपके पास रहेगी। दिवाली का मजा दुगना हो जाएगा जब हम पटाखे बिना दिवाली मनाएंगे।

नोट – अगर आपको लगता है कि यह दिवाली मानाने का सही तरीका तो कृपाय दुसरो को भी फॉरवर्ड करें.

कुमार दुष्यंत -सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं , मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिये