हरिद्वार, शहर से लेकर देहात हर और कांवड़ मेले की रंगत छायी हुई है। विभिन्न सामाजिक संस्थाओं द्वारा जगह-जगह शिविर का आयोजन कर कांवड़ियों की सेवा के लिए भण्डारे आदि लगाए गए हैं। शिविरों में भोजन, जलपान के साथ चिकित्सा सुविधा भी कांवड़ियों को उपलब्ध करायी जा रही है। शिविरों में स्थानीय युवा कांवड़ियों की सेवा करने में जुटे हुए हैं। इसके अलावा हाईवे से होकर गुजरने वाली बड़ी व सजावटी कांवड़ों को देखने के लिए बड़ी संख्या में स्थानीय लाग हाईवे पर जुट रहे हैं। शाम होते ही शंकराचार्य चौक, ऋषिकुल पुल, प्रेमनगर पुल, श्रद्धानन्द चौकसहित पूरे हाईवे पर कांवड़ लेकर लौट रहे शिवभक्तों को देखने के लिए शहर व ग्रामीण क्षेत्र के लोग उमड़ रहे हैं। कांवड़ देखने के लिए आने वालों में सर्वाधिक संख्या महिलाओं व बच्चों की होती है। देर रात तक हाईवे पर कांवड़ देखने वाले लोगों की भारी भीड़ जुट रही है। तिरंगा लगी विशाल कावंड़, भोलेनाथ की प्रतिमा लगी कांवड़ के साथ नाचते गाते कांवड़िएं, विभिन्न प्रकार के मुखौटे पहने कांवड़ियों के समूह आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।