देहरादून 5 जून: पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार संयुक्त आंदोलनकारी मंच के तत्वावधान में राज्य आंदोलनकारियों के लिये राज्याधीन सेवाओं में 10 % क्षैतिज आरक्षण की बहाली और चिन्हीकरण की प्रक्रिया दोबारा शुरू करने की माँग को लेकर शहीद स्मारक देहरादून में अनिश्चितकालीन धरना प्रारंभ हो गया है।

सनद रहे कि विगत वर्ष संयुक्त आंदोलनकारी मंच ने शहीद स्मारक, देहरादून में लगातार 42 दिन के क्रमिक अनशन किया था जिसके पश्चात् माननीय मंत्री सौरभ बहुगुणा की पहल पर आंदोलनकारीयों ने मुख्य मंत्री से वार्ता कर 12 जुलाई 2022 को समाप्त कर दिया था। उसके पश्चात् सरकार में थोड़ी बहुत हलचल देखने को भी मिली भी थी, मगर अब मामला फिर ठन्डे बस्ते में जाता दिख रहा है ।

मंच के संयोजक क्रान्ति कुकरेती ने कहा कि जब स्वयं मुख्यमंत्री अपने श्रीमुख से घोषणा कर रहें हैं कि “हमने गैरसैंण कैबिनेट में राज्य आंदोलनकारियों के लिये 10 % क्षैतिज आरक्षण बहाली का रास्ता साफ कर दिया” तो यह भी स्पष्ट करें कि केबिनेट के तीन माह गुजर जाने के बाद भी आज तक विभिन्न प्रतियोगिताओं में सफल घोषित हुये अभ्यर्थियों को नियुक्ति क्यों नहीं मिली ? क्या नौकरशाही, सरकार को गुमराह कर रही है या सरकार में इच्छा शक्ति का अभाव है ? कारण जो भी हो लेकिन अब आंदोलनकारी अपनी दोनों माँगो के पूरी होने तक इस आंदोलन जारी रखेंगे।

आज के कार्यक्रम में प्रमुख रूप से संयोजक क्रांति कुमार, सह संयोजक अम्बुज शर्मा, प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती, सत्या पोखरियाल, मीरा गुसाईं, हरिओम ओमी, संगीता रावत, विनोद असवाल, देवेश्वरी रावत, वीरेंद्र सिंह रावत, निहाल सिंह, चंद्र किरण राणा, सतेंद्र नौगाई, पूनम कंडारी, सुनीता बहुगुणा,सूर्यकांत बमराड़ा, रामकिशन, आशीष बिष्ट, प्रवीण पुरोहित, आशीष रावत, प्रभात डंडरियाल, कुंवर सिंह नेगी, उपेंद्र प्रसाद सेमवाल, रमेश सिंह, श्रीमती एकादशी, बी एस कंडारी, पुष्पा बहुगुणा, विमल जुयाल, हरि प्रकाश शर्मा, सुरेश नेगी, वीर सिंह आदि मौजूद रहे।

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10% पर सरकार लायेगी एक्ट : प्रकाश पन्त