उत्तराखंड परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार

उत्तराखण्ड परिवहन निगम में भ्रष्टाचार 

प्रधानमंत्री कार्यालय के आदेशों का नहीं हो रहा पालन
सीएम त्रिवेन्द्र को भी कर चुके हैं शिकायत

देहरादून। प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश बनाने के लिए जीरो टॉलरेंस की बात करने वाली सूबे की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार भ्रष्टाचार को लेकर कितनी सतर्क है। इस बात का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि परिवहन विभाग में फैले भ्रष्टाचार की जांच को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से उत्तराखंड शासन को लिखे गए पत्र की भी प्रदेश में अनदेखी की जा रही है।
गौरतलब  है कि राजधानी देहरादून के रहने वाले आरटीआई कार्यकर्ता विजय वर्धन डंडरियाल ने साल 2017 और साल 2018 में प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर उत्तराखंड परिवहन विभाग में फेले  भ्रष्टाचार की शिकायत की थी, जिसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से मुख्य सचिव उत्तराखंड शासन को इस पूरे मामले का संज्ञान लेने को उत्तराखंड परिवहन विभाग में फैले भ्रष्टाचार की जांच करने को कहा गया था, लेकिन अभी तक किसी तरह की कोई जांच शुरू नहीं हो पाई है।

सरकार पर हावी अफसरशाही

उत्तराखण्ड सरकार में अफसरशाही इतनी हावी हो चुकी है कि भारत सरकार के आदेशों की भी अनदेखी की जा रही है। परिवहन निगम में भ्रष्टाचार को लेकर अफसर पता नहीं किसे बचाने की कोशिश कर रहे हैं। जब प्रधानमंत्री कार्यालय की बात ही नहीं मानी जा रही है तो मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की जीरों टॉलरेंस की नीति को पलीता लगना तय है। प्रदेश की अफसरशाही की शिकायत मंत्री से लेकर विधायक तक सीएम को कर चुके हैं। लेकिन अफसरों को काबू करने में नाकाम साबित हो रहे हैं।

 

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