मानव श्रृंखला के दौरान पांच घंटे डायवर्ट रहा यातायात- मानव श्रृंखला के चलते शहर की तरफ आने वाले यातायात को सुबह आठ बजे से दोपहर एक बजे तक डायवर्ट किया गया। धूलकोट तिराहा, हनुमान मंदिर, झाझरा, प्रेमनगर, टी स्टेट, भानियावाला तिराहा, थानो रोड पीएनबी तिराहा, डोईवाला थाने के समीप दूधली मार्ग, कुठाल गेट, साईं मंदिर, कारगी चैक, काठ बंगला, धोरण पुलिया, आईटी पार्क, पुलिया नंबर छह, महाराणा प्रताप चैक। इसबीच न्यू कैंट रोड पर ट्रैफिक जांम के बीच एक एंबूलेंस के फंसने की भी खबर है।
सिटी पेट्रोल यूनिट के प्रभारी प्रदीप रावत ने बताया कि मानव शृंखला के दौरान शहर में चलने विक्रम, ऑटो, रिक्शा, सिटी बस और व्यावसायिक वाहन सुबह सात बजे से लेकर एक बजे तक मानव शृंखला रूट पर पूरी तरह बंद रहे। कार्यक्रम के दौरान कई जगहों पर टैफिक जांम की स्थिति रही। लोगों ने जैसे तैसे अपने गंतव्यों तक जाने के लिए गलियों का सहारा लिया।
नगर निगम के श्रेय लेने की होड़ में जाम से हलकान हुआ दून– प्लास्टिक और खासतौर पर सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ प्रधानमंत्री के अभियान छेड़ने के बाद देश भर में, खासतौर पर बीजेपी नेताओं में इसके लिए श्रेय लेने की होड़ मच गई है। अनूठे प्रयोगों के लिए जाना जाने वाला देहरादून नगर निगम ने श्रेय की दौड़ में बाजी मारने के लिए मानव श्रृंखला का रिकॉर्ड बनाने का फैसला किया। इस मानव श्रृंखला की वजह से लगे जाम से शहर का दम निकल गया और जो भी बाहर निकला वह इसमें फंस गया।
नगर निगम देहरादून ने सिंगल यूज प्लॉस्टिक पर प्रतिबंध के बारे में जन जागरुकता के लिए 50 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाने का ऐलान पहले ही कर दिया था। नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने दावा किया था कि देहरादून देश का पहला शहर होगा जिसका नाम सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ लड़ने के लिए लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज होगा। मानव श्रृंखला के लिए मंगलवार सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक पूरे शहर में यातायात के लिहाज से जीरो-जोन करने का ऐलान कर दिया गया था। एसएसपी ने देहरादून वासियों से अपील की थी कि ‘एमरजेंसी न हो, तो वह घर से बाहर न निकलें’. सुरक्षा को देखते हुए मानव श्रृंखला पर ड्रोन से नजर रखी जानी थी। मंगलवार की सुबह ऐसा लगा कि शायद दूनवासियों तक एसएसपी की अपील नहीं पहुंची और लोग रोज की तरह ही अपने काम के लिए निकले. नतीजा यह हुआ कि पूरा शहर ही जाम से हलकान हो गया। शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति होगा को बिना खीझे, बिना चिढ़े और एक-डेढ़ घंटा लेट हुए बिना अपने गंतव्य तक पहुंचा हो।
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घंटों गलियों में भटकते रहे काम पर जाने वाले लोग– भले ही नगर निगम व यातायात पुलिस द्वारा आज पॉलीथीन के विरोध में आयोजित की गयी मानव श्रृंखला के लिए चाहे जो इंतजाम किये गये हों लेकिन इस दौरान ड्यूटी पर जाने वाले लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा और लोग एक दो घंटे की देरी से ही अपने कार्यस्थल पर पहुंच सके।
इस मानव श्रृखंला के आयोजन का समय ऐसे पीक आवर्स में रखा गया था जब लोगों के काम पर जाने का समय होता है। 9 बजे से लेकर 10 बजे तक हमेशा ही शहर की सड़कों पर भारी भीड़ होती है। आज इस दौराज जब लोग अपने घरों से काम पर जाने के लिए निकले तो उन्हे मुख्य मार्ग पर पहुंचते ही रोक लिया गया। भले ही इस मानव श्रृंखला के दौरान सड़क के बांई ओर पांच फीट स्थान सुरक्षित रखे जाने की बात की गयी थी लेकिन हरिद्वार रोड जैसे टू लेन रोड पर किसी तरफ से छोटे और दुपहिया वाहनों तक को नहीं जाने दिया गया।
क्योंकि इस मानव श्रंृखला का दायरा पूरे शहर में फैला हुआ था इसलिए लोगों को गली मौहल्लों की सड़कों की ओर दौड़ लगानी पड़ी। लेकिन इसका भी कोई फायदा उन्हे नहीं हो सका क्योंकि दो चार किलोमीटर घूम कर फिर आखिरकार उन्हे आना तो उन्ही मुख्यमार्गो पर ही था। ऐसी स्थिति कहीं एक दो स्थानों पर ही नहीं पूरे शहर में देखी गयी। जब लोग गली मौहल्लों के रास्ते अपने कार्यस्थलों तक पहुंचने की कोशिशें करते रहे लेकिन वह नाकाम ही रहे और वह तभी आगे बढ़ सके जब इस मानव श्रंखला का समापन हो गया। जो लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर निर्भर थे उन्हे तो 11 बजे तक कहीं से भी कोई सवारी का साधन मिल सका। जिसके कारण सभी दफ्तरों व कार्यालयों में लोग आम तौर पर एक दो घंटों की देरी से ही पहुंच सके।