देहरादून, हेमकुंड साहिब के कपाट शनिवार सुबह नौ बजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। बीते शुक्रवार को सुबह आठ बजे पंच प्यारों की अगुवाई में श्रद्धालु गोविंदघाट से रवाना हुए थे, जो हेमकुंड साहब पहुंच चुके हैं। यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखने को मिला। वहीं करीब आठ हजार तीर्थयात्री जत्थे में शामिल रहे, जिन्होंने कपाट खुलते ही हेमकुंड साहिब में माथा टेका।
गोविंदघाट में सुखमणी पाठ के बाद हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्टी जनक सिंह और गढ़वाल आयुक्त डा. बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने जत्थे को घांघरिया के लिए रवाना किया। जो हेमकुंड साहिब से करीब पांच किमी नीचे है। यात्रा के दौरान की व्यवस्था देखने के लिए गढ़वाल आयुक्त डा. पुरुषोत्तम भी जिला प्रशासन की टीम के साथ हेमकुंड आज सुबह हेमकुंड साहिब पहुंचे। वहीं बीते दिनों सेना के जवानों की मदद से यात्रा मार्ग खोल लिया गया है। बर्फ काटकर संकरी गली नुमा रास्ता बनाया गया है। साथ ही गुरुद्वारे की ओर से यात्रा की सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं। जिससे श्रद्धालुओं को परेशानियों का सामना न करना पड़े। शनिवार सुबह 9.00 बजे हेमकुंड साहिब के कपाट खुले. 9.15 पर पंच प्यारे की अगुवाई में गुरुग्रंथ साहिब को दरबार साहिब में लाया गया। जिसके बाद 10 बजे से सुखमणी पाठ किया गया और 11 बजे से शब्द कीर्तन शुरू हुआ।. वहीं 12.30 पर पहली अरदास और जिसके बाद 12.45 पर हुक्मनामा का पाठ किया गया।
पर्यटकों के लिए खुली फूलों की घाटी
देहरादून, विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी शनिवार से पर्यटकों के लिए खुल गयी। जिसके दीदार के लिए सैलानी खासे लालायित रहते हैं। वहीं सैलानियों को फूलों की घाटी से रूबरू कराने के लिए वन महकमे ने भी कमर कस ली है। इस बार विदेशी पर्यटकों 600 रुपये तो आम सैलानियों को 150 रुपये शुल्क देना होगा।
फूलों की घाटी में इस सीजन में तरह-तरह के प्राकृतिक फूल खिले रहते हैं। जहां हर साल हजारों सैलानी पहुंचे हैं। साथ ही सैलानियों को यहां प्राकृतिक सौंदर्य का नजदीकी से दीदार करने का मौका मिलता है। देवभूमि के हिमालयी क्षेत्र में फैली इस घाटी को फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान है। करीब 87.50 किलोमीटर क्षेत्र में फैले इस उद्यान को वर्ष 1982 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया। वहीं इस घाटी में अलग-अलग फूलों की 500 से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं। फूलों की घाटी तक पहुंचने के लिए चमोली जिले का अंतिम बस अड्डा गोविंदघाट 275 किमी दूर है। जहां से जोशीमठ से गोविंदघाट की दूरी 19 किमी है। यहां से प्रवेश स्थल की दूरी लगभग 13 किमी है जहां से पर्यटक 3 किमी लंबी व आधा किमी चौड़ी फूलों की घाटी में घूम सकते हैं। नवम्बर माह से मार्च महीने तक फूलों की घाटी में बर्फ रहती है। इस बार यात्रियों को गोविंद घाट से पुलना तक छोटे वाहन से जाना होगा। उससे आगे पूरा पैदल मार्ग है, जिसकी तैयारी वन विभाग ने पहले ही कर ली है।