वन आरक्षी परीक्षा की एसआईटी रिपोर्ट आने के बाद से अभ्यर्थी असमंजस्य की स्थिति में है। एसआईटी रिपोर्ट जारी होने के बाद भी स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि परिणाम घोषित होगा या परीक्षा रद्द होगी। उत्तराखंड बेरोजगार संघ का कहना है कि अभी तो एसआईटी रिपोर्ट  ही अधूरी है एसआईटी रिपोर्ट में केवल इलैक्ट्रोनिक डिवाइस ( ब्लूटूथ ) पर ध्यान केंद्रित किया गया है उसके अतिरिक्त जो परीक्षा के बाद दो मूल ओएमआर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी उसका भी एसआईटी में कोई जिक्र नहीं है और वीडियो कॉलिंग के माध्यम से जो पेपर हल किया जा रहा था ना ही उस नम्बर का जिक्र और परीक्षार्थियों द्बारा प्रदेश के विभिन्न परीक्षा केंद्रों में प्रतिबंधित सामग्री (मोबाइल फोन आदि ) को परीक्षा कक्ष में ले जाकर उसका जमकर दुरुपयोग किया गया ना ही उन सबका जिक्र एसआईटी रिपोर्ट में हुआ है जिससे धांधली कितने बड़े स्तर पर हुई है ये अनुमान लगा पाना मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन है। ऐसे परिस्थिति में यदि आयोग परीक्षा रद्द नहीं करता है तो ये परीक्षा भी न्यायायल की शरण में पहुंच जाएगी जैसा की आज तक होता आ रहा है और उसके बाद इस परीक्षा में कितना समय लगता है ये बता पाना मुश्किल है।और यदि आयोग इस परीक्षा को रद्द करता है और 746 पदों पर होने वाली आगामी परीक्षा के साथ इस परीक्षा को संपन्न करवाता है जिसकी शैक्षिक योग्यता और पाठ्यक्रम वन आरक्षी के समान है तथा परीक्षा में बैठने वाले 80% से 90% अभ्यर्थी वही है जिन्होनें फॉरेस्ट गार्ड की परीक्षा दी है। तो फिर इसमें समय और धन के साथ-साथ पारदर्शिता से परीक्षा संपन्न होगी। यदि उत्तराखंड सरकार और आयोग उत्तराखंड के छात्रों का हित चाहती है तो इस सुझाव पर जरुर विचार किया जाना चाहिए।

फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा मामले में सीएम ने दिए जल्द फैसला आने के संकेत

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