प्रकृति से छेड़छाड़ का नतीजा हम 2013 में केदारनाथ धाम में पहले भी देख चुके हैं अब टिहरी के खैट व माणिकनाथ क्षेत्र में बने इस विक्षोभ से नई टिहरी में अचानक हो रही बर्फवारी कहीं किसी प्रकृतिक आपदा की कोई पूर्व चेतावनी तो नहीं ?
तापमान आठ से दस डिग्री के आस पास रहा होगा।मौसम विभाग ने पांच फरवरी तक मौसम सूखा बताया है। रानीचौरी विश्व विद्यालय की साप्ताहिक एडवाइजरी में भी स्थानीय स्तर पर मौसम सूखा ही बताया गया था।
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कभी भूगोल में स्थानीय विक्षोभ के बारे में पढ़ते थे। टिहरी बांध की झील के ऊपर दस बारह वर्ग किमी के दायरे में आज दोपहर बाद ये नजारा देखा। एक घंटे में मौसम अचानक बदल गया। एकदम डरावना। बूंदा बांदी और बर्फवारी। साल भर में दो तीन बार ऐसा होता है। हालांकि प्राय:स्थानीय लोग इस तरफ ध्यान नहीं देते। टिहरी बांध की कुछ पर्यावरणीय रिपोर्ट में भी इस तरह के विक्षोभ झील क्षेत्र में कभी कभार बनने की बात कही गई हैं। मगर मौसम वैज्ञानिकों के लिए यह शोध का विषय तो है ही कि आखिर वह इस महत्वपूर्ण इसका पूर्वानुमान क्यो नहीं लगा पाते ?
साभार – महिपाल नेगी , टिहरी (वरिष्ठ पत्रकार)