-सीता माता सर्किट विकसित किया जाएगा
’पौड़ी गढ़वाल में 200 करोड़ रूपए से होगा अवस्थापना सुविधाओं का विकास।
पौडी/देहरादून, प्रदेश में साहसिक गतिविधियों के लिए अलग से निदेशालय बनाया जाएगा। पौड़ी में सीता माता सर्किट विकसित किया जाएगा। पौड़ी गढ़वाल में 200 करोड़ रूपए से अवस्थापना सुविधाओं का विकास होगा। पौड़ी में रोपवे बनाया जाएगा। स्थानीय नागरिकों के सहयोग से पौड़ी को कलर कल्चर देने का प्रयास किया जाएगा। देवाल में एनसीसी एकेडमी के लिए भूमि स्वीकृत कर दी गई है।
गढ़वाल कमिश्नरी के 50 वर्ष पूरे होने पर पौड़ी में विभिन्न कार्यक्रमों में प्रतिभाग करने आए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रविवार को पौड़ी स्थित सर्किट हाउस में प्रेस वार्ता करते हुए पौड़ी गढ़वाल सहित राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों के विकास के लिए विभिन्न निर्णयों की जानकारी दी। इस अवसर पर सहकारिता व उच्च शिक्षा मंत्री डा. धनसिंह रावत, विधायक दिलीप सिंह रावत, पौड़ी नगर पालिका अध्यक्ष यशपाल बेनाम, आयुक्त डा. बीवीआरसी पुरूषोत्तम भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बताया कि पौड़ी में ‘‘सीता माता सर्किट’’ विकसित किया जाएगा। पौराणिक महत्व के देवप्रयाग स्थित रघुनाथ मंदिर, देवाल स्थित लक्ष्मण मंदिर व फलस्वाड़ी स्थित माता सीता मंदिर को धार्मिक पर्यटन में सीता माता सर्किट के तौर पर विकसित करते हुए इसका प्रचार प्रसार किया जाएगा। इन धार्मिक स्थलों की स्थानीय लोगों में बड़ी मान्यता है परंतु अन्य प्रदेशों के लोगों के इनके बारे कम जानकारी है। इसलिए देश भर के श्रद्धालुओं को यहां के धार्मिक महत्व के बारे बताने के लिए प्रचार प्रसार किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पौड़ी गढ़वाल में 200 करोड़ रूपए से अवस्थापना सुविधाओं का विकास किया जाएगा। इसके लिए अधिकारियों को विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने के लिए निर्देशित किया गया है। इससे पार्कों का जीर्णोद्धार किया जाएगा। माल रोड़ विकसित की जाएगी। पौड़ी बस अड्डा-कंडोलिया-किंकालेश्वर रोपवे बनाया जाएगा। पौड़ी, खिर्सू, सतपुली, जयहरिखाल आदि स्थानों में विभिन्न सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय नागरिकों के सहयोग से पौड़ी को कलर कल्चर देने का प्रयास किया जाएगा। पिंक सिटी जयपुर की भांति ही कोशिश की जाएगी कि पौड़ी में इमारतें एक रंग में हों। इससे पौड़ी नगर को एक नई पहचान मिलेगी। लोगों को प्रोत्साहित किया जाएगा कि भवन निर्माण में पर्वतीय स्थापत्य का प्रयोग हो। इसके लिए आवास नीति में प्रावधान भी किया गया है। इससे बाहर से आने वाले हमारी स्थापत्य कला से परिचित होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि साहसिक गतिविधियों के लिए अलग से निदेशालय बनाया जाएगा। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को इसकी जिम्मेवारी दी जाएगी। हाई वेल्यु टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए इसका निर्णय लिया गया है। साहसिक गतिविधियों में पर्वतारोहण, ट्रेकिंग,रॉक क्लाईम्बिंग, माउंटेन बाईकिंग, जिप वायर साईक्लिंग, बंगी जम्पिंग, हॉट एयर बैलून, पैराग्लाईडिंग, वाटर स्पोर्ट्स आदि शामिल हैं। सरकार का उद्देश्य है कि अधिक से अधिक खर्चीले पर्यटक राज्य में आएं, जिससे यहां के युवाओं को रोजगार के साथ अच्छी आमदनी हो।
देवाल में एनसीसी एकेडमी के लिए भूमि स्वीकृत कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एनसीसी एकेडमी बनने पर प्रतिवर्ष यहां प्रशिक्षण के लिए 35-40 हजार लोग आएंगे। इससे यहां आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी और स्थानीय लोगों को लाभ होगा। देशभर से आए लोग पौड़ी के बारे में परिचित होंगे जिससे यहां पर्यटन भी बढ़ेगा।
ल्वाली झील से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ल्वाली झील में 70 लाख लीटर पानी एकत्र करने की क्षमता होगी। इससे जल-गतिविधियों के साथ यहां पीने के पानी की बैकअप व्यवस्था भी हो सकेगी। पिथौरागढ़ में देश का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन बनेगा। यहां 50 हेक्टेयर में ट्यूलिप गार्डन बनाया जाएगा। इस पर 50 करोड़ रूपए खर्च होंगे। यहां वर्ष में 8 महिने टृयूलिप के फूल देखने को मिलेंगे। पिथौरागढ़ हवाई पट्टी का विस्तार करने का प्रयास किया जा रहा है। टिहरी में सी-प्लेन के लिए 3 जुलाई को एमओयू होने जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ समय में टिहरी में पर्यटकों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। राज्य सरकार के प्रयास सही दिशा में बढ़ रहे हैं।